30-Apr-2025
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वॉशिंगटन (ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की दूसरी पारी ने अमेरिका सहित पूरी दुनिया में भूचाल ला दिया है। सत्ता संभालते ही ट्रंप ने सरकारी मशीनरी को ध्वस्त करने, राजनीतिक दुश्मनों पर हमला बोलने और बड़े पैमाने पर अधिकारियों को हटाने का अभियान छेड़ रखा है। महज 100 दिनों में ट्रंप ने अमेरिका की छवि को बदल दिया है। इमिग्रेशन से लेकर टैरिफ, शिक्षा से लेकर नौकरियों तक, हर मोर्चे पर ट्रंप ने आक्रामक फैसले लिए हैं। इन फैसलों का अमेरिका, चीन, भारतीय समुदाय पर असर हुआ है। आने वाले महीनों में ट्रम्प और भी बड़े फैसले लेने को तैयार हैं। इसमें इनकम टैक्स, जॉब, शिक्षा, अवैध प्रवासी जैसे क्षेत्र अहम हैं। इन फैसलों से अमेरिकियों के अलावा भारतीयों पर भी असर होगा। खासकर छात्रों के लिए अब ‘अमेरिकन ड्रीम पर आंच आती नजर आ रही है। इनकम टैक्स को खत्म करने की योजना बात दें कि ट्रम्प का अगला बड़ा कदम इनकम टैक्स को पूरी तरह खत्म करने का है। ट्रंप का मानना है कि टैरिफ से होने वाली आय से सरकार का खर्च चल सकता है। ट्रम्प कहते हैं कि 1870-1913 के बीच अमेरिका का रेवेन्यू मुख्य रूप से टैरिफ से आता था और उस दौरान देश बेहद समृद्ध था। उनका दावा है कि टैरिफ लगने से अमेरिका दो से तीन अरब डॉलर रोज कमा रहा है, और इससे आयकर को खत्म करना संभव होगा। छात्रों के लिए ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग खत्म इतना ही नहीं ट्रंप ओपीटी (ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग) प्रोग्राम खत्म कर सकते हैं। दरअसल, ओपीटी के बाद एच1बी वीजा मिलने की प्रक्रिया आसान होती है। इसके बंद होने से अमेरिका में पढ़ रहे तीन लाख भारतीयों पर एच1बी वीसा का संकट होगा। अभी ओपीटी के तहत स्टेम (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ) फील्ड के विदेशी छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद 3 साल तक अमेरिकी कंपनियों में ट्रेनिंग ले सकते हैं। इससे नौकरी मिलने में आसानी होती है। ओपीटी खत्म करने से पढ़ाई पूरी होने के बाद जॉब न मिलने पर तुरंत अमेरिका छोड़ना होगा। डब्ल्यूटीओ, नाटो जैसी संस्थाओं का फंड कम कर सकते हैं वैश्विक संस्थाओं के प्रति ट्रम्प की नीति अमेरिका फर्स्ट दृष्टिकोण पर है। वे आने वाले दिनों में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ), संयुक्त राष्ट्र व नाटो की फंडिंग कम कर सकते हैं। या सहयोग करने के लिए शर्त रख सकते हैं। उनकी नई नीतियां ब्रिक्स जैसे समूहों को चुनौती दे सकती हैं। वे पहले ही डब्ल्यूटीओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन से अमेरिका को बाहर कर चुके हैं। ट्रम्प का मानना है कि ये संस्थाएं अमेरिका के हितों के खिलाफ काम करती हैं। ट्रम्प नाटो सदस्यों से रक्षा खर्च बढ़ाने को दबाव डाल सकते हैं। दवाओं की कीमत में बड़ी क्रांति दवाओं की कीमतों को नीचे लाने की तैयारी में हैं। जिसका उदाहरण एलिक्विस जैसे ब्लड थिनर हैं। यह दवा अमेरिका में 48 हजार रुपए में बिकती है, जबकि जापान में 1,700 और स्वीडन में 10 हजार में उपलब्ध है। ट्रंप ने मेडिकेयर एजेंसी को निर्देश दिए हैं कि वे विदेशी मूल्य-निर्धारण मॉडल पर आधारित एक पायलट प्रोजेक्ट जल्द शुरू करें। प्रस्ताव के पूरी तरह लागू होते ही दवा कंपनियों को अपने दाम विदेशी स्तर तक लाने को कहा जाएगा। इससे अमेरिका में दवाओं की कीमतें काफी कम होगी। अवैध प्रवासियों को खुद देश छोड़े अमेरिका में रह रहे 7.5 लाख भारतीय अवैध प्रवासियों के लिए आने वाले माह चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। ट्रंप ने इसतरह के प्रवासियों के लिए स्वयं-डिपोर्टेशन योजना पर काम शुरू किया है। योजना के लागू होने पर अवैध प्रवासियों को उड़ान टिकट के साथ वित्तीय अनुदान (स्टाइपेंड) मुहैया होगा। ट्रम्प प्रशासन उन्हें खुद अमेरिका छोड़ने के लिए मजबूर करेगा। आशीष/ईएमएस 30 अप्रैल 2025