जिले भर में पेयजल के लिए त्राही त्राही, शहर में भी गहराया संकट छिंदवाड़ा जबलपुर (ईएमएस)। जिले में जल संकट गहरा गया है, शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रोंं में इन दिनों पेयजल के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। शासन प्रशासन की योजनाएं भी पेयजल समस्या को दूर करने में पूरी तरह से निष्किय नजर आ रही है। यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहां लोग 15 -15 दिनों से पानी का इंतजार कर रहे हैं। वहीं शहरी क्षेत्रों में भी कई स्थानों पर टैंकर के जरिए पानी सप्लाई किया जा रहा है। जिसमें लालबाग, गुलाबरा, सिवनी प्राणमोती जैसे क्षेत्र शामिल हैं। अगर हम बात ग्रामीण क्षेत्रों की करे तो यहां तो पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। तामिया के भारियाढ़ाना में इन दिनों पेयजल के लिए ग्रामीणों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। भारियाढ़ाना में १७० परिवार है। जिसकी प्यास बूझाने का जिम्मा मात्र ४ हैंडपंपों पर है। यह चार हैंडपंप भी अब दम तोड़ रहे है। दो हैंडपंपों का जलस्तर इतना नीचे जा चुका है कि २० से २५ बार हैंडपंप चलाने में पानी आना शुरू होता है। इस वजह से ग्रामीण पानी के लिए परेशान हो रहे है। इसी समस्या को लेकर मंगलवार को ग्रामीण जनसुनवाई में कलेक्टर के पास पहुंचे। और अपनी समस्या बताते हुए, समस्या का समााधन मांगा। नलजल योजना भी फ्लाप जनसुनवाई में पहुंचे तामिया के भारियाढ़ाना के ग्रामीणों ने बताया है कि वर्तमान में गांव में १७० परिवार रह रहे है। जिनकी प्यास मात्र ४ हैंडपंप बुझा रहे है। वह भी धीरे धीरे निष्किय होते जा रहे है। पंचायत के वार्ड क्रमांक 03, 04 और 05 में पेयजल संकट है। क्षेत्र में नलजल योजना के तहत पाईप लाइन बिछाई गई थी। जोकि अब हटा ली गई है। कुछ क्षेत्रों अवश्य योजना के तहत पानी पहुंचाया जा रहा है। लेकिन अधिकांश गांव में योजना का लाभ ही नहीं मिल पा रहा है। परासिया में भी हाहाकार अप्रेल से ही परासिया शहर में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था गड़बड़ाने लगी है। नगर परिषद ने स्थिति से निपटने के लिए कार्ययोजना तो बनाई है , लेकिन मैदानी स्तर पर जल संकट लगातार गहरा रहा है। दरअसल, शहर के 21 वार्डों में तीन स्थानों से पानी सप्लाई की जाती है। वर्तमान में वार्ड क्र 2,5,6 तथा वार्ड क्र 1, 3 और 4 के एक हिस्से में न्यूटन स्थित एनीकट बांध से पानी दिया जा रहा है। ये वार्ड भीषण जलसंकट से गुजर रहे हैं। यहां पांच से सात दिनों में एक बार जल आपूर्ति की जा रही है। खिरसाडोह में 16 बोर में से 13 ही काम कर रहे हैं। 60 हजार की जनसंख्या वाले इस शहर में पानी की समस्या का निदान नहीं हो पाया है। शहर के 34 हैंडपंप में 16 चालू हैं, लेकिन ज्यादातर में नाम मात्र पानी ही निकलता है। एक बाल्टी पानी मिलना भी हो रहा मुश्किल ग्राम डूंडासिवनी में पेयजल संकट लगातार बना हुआ है। शिकायतों के बाद भी समाधान नहीं मिल पा रहा है। हालात ऐसे हो गए है कि ग्रामीणों को एक बाल्टी पानी मिलना मुश्किल हो गया है। इस समस्या को लेकर ग्रामीणों का दल जनसुनवाई में भी पहुंच चुका है लेकिन इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों ने बताया है कि ग्राम डूंडा सिवनी में नल जल की नियमित आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसने कारण गांव में पेयजल की परेशानी बनी हुई है। पेयजल संकट के कारण आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है। लोग एक-एक बाल्टी पानी के लिए इधर, उधर भटक रहे है। प शहर में भी नहीं पहुंच पा रहे टैंकर ग्रामीण क्षेत्रों के साथ साथ शहरी क्षेत्रों में भी पेयजल की समस्या बनी हुई है। वार्ड नंबर ९, राजनगर, सहित नगर निगम के ग्रामीण वार्डों में नियमित टैंकर भी नहीं पहुंच पा रहे है। जिसकी वजह से लोगों को पेयजल के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। नियमित आने वाले नलों में भी पे्रशर इतना कम हो गया है कि एक परिवार के निस्तार का पानी भी लोगों को नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में लोगों का कहना है कि निगम ने जलकर में वृद्धि तो कर दी लेकिन सुविधा नहीं बढ़ाई, निगम की इस लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है। ईएमएस / 29/04/2025