जगदलपुर(ईएमएस)। इंद्रावती नदी के जल संकट को लेकर कांग्रेस द्वारा निकाली जा रही पदयात्रा पर बस्तर सांसद महेश कश्यप ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस यात्रा को राजनीतिक नौटंकी करार देते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस जनता को गुमराह कर रही है। श्री कश्यप ने कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में थी, तब उसने इंद्रावती नदी की सुध नहीं ली और अब भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है। सांसद महेश कश्यप ने कहा कि बस्तर की जीवनदायिनी इंद्रावती नदी की दशा सुधारने के लिए डबल इंजन की भाजपा सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप के नेतृत्व में इस दिशा में ठोस कार्ययोजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इंद्रावती नदी को उसके मूल स्वरूप में लौटाने के लिए भाजपा सरकार के जनप्रतिनिधि गंभीरता से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इंद्रावती नदी पर नए बैराजों के निर्माण की योजना है, जिससे 50 टीएमसी जल भंडारण और 35 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। बस्तर जिले में सिंचाई की दृष्टि से वर्ष 2018 तक 75 योजनाएं बनाई गई थीं, जिनसे 32 हजार हेक्टेयर में सिंचाई संभव हो सकी। हालांकि, 2019 से 2023 के बीच की सरकार ने केवल 25 योजनाओं को मंजूरी दी, जिनमें से केवल 5 का निर्माण पूरा हुआ। श्री कश्यप के अनुसार, वर्तमान सरकार ने वर्ष 2024-25 में 80 योजनाएं बजट में शामिल की हैं, जिनमें से 52 योजनाओं को 200 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी गई है। इसके तहत 12 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा वर्ष 2025-26 में 65 और योजनाएं बजट में जोड़ी गई हैं, जिनका सर्वेक्षण जारी है। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार ने 2021 में इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण का गठन किया था, लेकिन इसकी एक भी बैठक नहीं हो पाई और न ही कोई योजना सिफारिश के स्तर तक पहुंच सकी। इसके विपरीत, वर्तमान सरकार ने मटनार, देउरगांव, महादेवघाट, नगरनार, एरपुंड, ककनार, बाकेल, नारंगी और भास्केल बैराज योजनाएं शामिल की हैं। इनसे जल भंडारण की क्षमता 50 टीएमसी तक बढ़ेगी और 35 हजार हेक्टेयर में सिंचाई संभव होगी। बस्तर को कुल 372 टीएमसी जल आबंटित है, परंतु अब तक केवल 5 प्रतिशत जल भंडारण क्षमता विकसित हुई है। इस अंतर को पाटने के लिए इंद्रावती-महानदी नदी जोड़ो परियोजना के तहत सर्वेक्षण कार्य स्वीकृत किया गया है, जिससे लगभग 4 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा बढ़ाई जाएगी। इंद्रावती-जोरानाला संकट के संदर्भ में सांसद कश्यप ने बताया कि 2010 से 2016 के बीच उड़ीसा सरकार को 49 करोड़ रुपये देकर कंट्रोल स्ट्रक्चर का निर्माण कराया गया था, जिससे समझौते के अनुसार 50 प्रतिशत जल प्राप्त हो रहा था। हालांकि 2021 से 2023 के दौरान सिल्ट और बोल्डर जमाव के कारण केवल 23 प्रतिशत जल की आपूर्ति हो रही थी, जिससे बस्तर में पेयजल संकट गहरा गया। इस स्थिति से निपटने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उड़ीसा सरकार से समन्वय कर अप-स्ट्रीम व डाउन-स्ट्रीम क्षेत्रों से अवरोध हटाने का कार्य प्रारंभ कराया, जिससे जल आपूर्ति बढ़कर 49 प्रतिशत तक पहुंची है। जून 2025 तक यह कार्य स्थायी रूप से पूर्ण करने हेतु उड़ीसा सरकार ने 4 करोड़ रुपये की योजना को स्वीकृति दी है। ईएमएस(संजय कुमार जैन) 29अप्रैल 2025