29-Apr-2025


आज अक्षय तृतीया पर निगरानी करेगी समितियां जबलपुर, (ईएमएस)। जिले में अक्षय तृतीया तथा वर्ष भर के दौरान अन्य विवाह मुहूर्तों पर बाल विवाह की रोकथाम के लिये व्यापक रणनीति तैयार की गई है। कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देशानुसार जिले में बाल विवाह की रोकथाम हेतु अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों के नेतृत्व में अनुभाग स्तर पर सात सदस्यों की निगरानी समितियां गठित की गई हैं, वहीं बाल विवाह की सूचना प्राप्त करने जिला स्तर से लेकर खण्ड स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किये गये हैं तथा संवेदनशील क्षेत्रों में ग्राम स्तरीय दलों का गठन भी किया गया है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जिले में बाल विवाह जैसी कुरीतियों को रोकने समाज से भी आगे आकर प्रशासन को सहयोग करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह होने की सूचना जिला स्तरीय या खण्ड स्तरीय कंट्रोल रूम, पुलिस कंट्रोल रूम, संबंधित क्षेत्र के एसडीएम, थाना प्रभारी अथवा महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारियों को दी जा सकती है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास मनीष सेठ ने बताया कि बाल विवाह की रोकथाम के लिये अनुभाग स्तर पर गठित निगरानी समितियां किसी भी स्तर से कहीं से भी बाल विवाह होने की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल प्रभावी कदम उठाकर ऐसे आयोजनों को रोकेंगी। जिले में 13 कंट्रोलरुम स्थापित............ उन्होंने बताया कि बाल विवाह की संभावना को रोकने तथा बाल विवाह से संबंधित शिकायतों के निराकरण हेतु जबलपुर जिले में ब्लॉक एवं परियोजना स्तर पर 13 कंट्रोल रूम स्थापित किये गये हैं। इनके अलावा बाल विवाह की सूचना प्राप्त करने एवं मैदानी स्तर पर कार्यवाही सुनिश्चित करने वन स्टॉप सेंटर में जिला स्तर पर भी कंट्रोल रूम बनाया गया है। जिला स्तरीय कंट्रोल रूम का नोडल अधिकारी वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक श्रीमती मोहिनी पटसरिया को नोडल अधिकारी को नियुक्त किया गया है। जिला स्तरीय कंट्रोल रूम दूरभाष नंबर 0761-2625527 पर कोई भी नागरिक बाल विवाह की सूचना दे सकेगा। खण्ड स्तर एवं जिला स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम 29 अप्रैल से लेकर एक मई तक चौबीस घण्टे शिकायत प्राप्त करने हेतु कार्यरत रहेंगे। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जिले में बाल विवाह की शिकायत प्राप्त करने हेतु शहरी क्षेत्र में वार्ड स्तर एवं ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम स्तर पर सूचना दल भी गठित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि बाल विवाह करने में सहयोग करने वाले व्यक्ति, सेवा प्रदाता अथवा संस्था को बाल विवाह रोकथाम अधिनियम के तहत दो वर्ष तक का कारावास या एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों से एक साथ दंडित किया जा सकता है। सुनील साहू / मोनिका / 29 अप्रैल 2025/ 06.33