- हमले में बचे गुजरात के पर्यटक ऋषि भट्ट ने बयां की बताई घटना, कैसे बची जान नई दिल्ली,(ईएमएस)। पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने सभी भारतवासियों को हिला कर रख दिया है। इस हमले में गुजरात के एक पर्यटक ऋषि भट्ट और उनका परिवार बाल-बाल बच गया। ऋषि भट्ट ने मीडिया से बातचीत में लगाया कि जिपलाइन ऑपरेटर ने ‘अल्लाहू अकबर’ का नारा लगाया था और इसके तुरंत बाद पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई गईं। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे भीषण आतंकी हमला माना जा रहा है। ऋषि भट्ट गुजरात के रहने वाले हैं। वे अपनी पत्नी और बेटे के साथ बैसरन मैदान में मौजूद थे। उन्होंने एक वीडियो में बताया था कि कैसे अचानक गोलियों की बौछार के बीच वे और उनका परिवार अपनी जान बचाने में कामयाब रहे। भट्ट ने उस दिन के खौफनाक मंजर को शेयर किया। उन्होंने कहा कि उन्हें जिपलाइन ऑपरेटर पर शक है जिसने तीन बार अल्लाहू अकबर चिल्लाया और फिर गोलियां चलने लगीं। ऋषि भट्ट के मुताबिक उनके सामने नौ लोग पहले से जिपलाइन कर चुके थे, लेकिन ऑपरेटर ने तब कुछ नहीं कहा था. जब वे स्वयं स्लाइड कर रहे थे तभी नारेबाजी हुई और फायरिंग शुरू हो गई। इससे भट्ट को शक हुआ कि जिपलाइन ऑपरेटर की भूमिका संदिग्ध हो सकती है। भट्ट ने बताया कि जब वे जिपलाइन से नीचे कूदे तो 20 सेकंड बाद उन्हें एहसास हुआ कि यह एक आतंकी हमला था। उन्होंने अपनी बेल्ट खोली, नीचे कूदे और अपनी पत्नी व बेटे के साथ भागने लगे। रास्ते में उन्होंने देखा कि कुछ लोग एक गड्ढे में छुपे हुए थे, वे भी वहीं जाकर छिप गए। भट्ट ने बताया कि इस घटना को उनकी पत्नी और बेटे ने अपनी आंखों के सामने देखा और दोनों चीखने लगे। भट्ट ने कहा कि गोलीबारी करीब 8 से 10 मिनट तक लगातार होती रही। इसके बाद थोड़ी देर के लिए गोलियां की आवाज रुक गई, लेकिन कुछ ही देर में फिर से फायरिंग शुरू हुई। भट्ट ने बताया कि उन्होंने अपनी आंखों से 15 से 16 पर्यटकों को गोली लगते देखा। भट्ट ने बताया कि भारतीय सेना करीब 20 से 25 मिनट के अंदर वहां पहुंच गई और उन्होंने सभी फंसे हुए पर्यटकों को सुरक्षित कवर प्रदान किया। सेना के आने के बाद ही पर्यटकों को राहत मिली और धीरे-धीरे स्थिति नियंत्रण में हो गई। ऋषि भट्ट ने भारतीय सेना के प्रति आभार जताते हुए कहा कि सेना ने समय पर पहुंचकर सैकड़ों लोगों की जान बचाई है। सिराज/ईएमएस 29अप्रैल25