तेहरान(ईएमएस)। हाल ही में ईरान के एक प्रमुख बंदरगाह पर हुए भीषण विस्फोट की खबर आई थी। इस हादसे में मरने वालों की संख्या अब 46 हो गई है। अब घटनास्थल से हासिल खबरों से विस्फोट के कारण के बारे में और अधिक सवाल उठे हैं। ईरानी सरकारी टेलीविजन ने स्थानीय अधिकारियों के हवाले से बंदर अब्बास के पास शाहिद राजाई बंदरगाह पर हुए विस्फोट में मरने वालों की संख्या की सूचना दी। अधिकारियों ने अभी तक विस्फोट के बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। निजी सुरक्षा फर्म एम्ब्रे का कहना है यह आग कथित तौर पर ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों में उपयोग के लिए भेजे गए ठोस ईंधन की खेप को ठीक तरीके से नहीं रखने की वजह से हुआ। वहीं, ईरानी सेना ने रासायनिक खेप मिलने से इनकार किया है। सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में विस्फोट से ठीक पहले आग से लाल रंग का धुआं उठता हुआ दिख रहा है। इससे पता चलता है कि विस्फोट में कोई रासायनिक यौगिक शामिल था, जैसा कि 2020 में बेरूत बंदरगाह विस्फोट में हुआ था। बंदरगाह को मार्च में मिसाइल फ्यूल केमिकल हासिल हुआ था। कंपनी ने कहा कि बंदरगाह पर मार्च में सोडियम परक्लोरेट रॉकेट ईंधन की खेप आई थी। यह ईंधन चीन से दो जहाजों द्वारा ईरान भेजी गई खेप का हिस्सा है। इस ईंधन का उपयोग ईरान में मिसाइल भंडार को पुन: स्थापित करने के लिए किया जाना था, जो गाजा पट्टी में हमास के साथ युद्ध के दौरान इजरायल पर सीधे हमलों के कारण समाप्त हो गया था। वीरेंद्र/ईएमएस/29अप्रैल2025