अहमदाबाद (ईएमएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत गुजरात ने 70% नागरिकों यानी 4.77 करोड़ से ज्यादा लोगों को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) के तहत पंजीकरण करा कर महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। आयुष्मान भारत दिवस के मौके पर राज्य सरकार द्वारा यह उपलब्धि साझा की गई है। प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल भारत दृष्टिकोण को साकार करते हुए, मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में हेल्थ रिकॉर्ड्स के डिजिटलाइजेशन में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। आपको बता दें कि आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) एक डिजिटल स्वास्थ्य पहचान है, जिसे नागरिकों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स को एकीकृत और सुरक्षित रूप से स्टोर करने के लिए विकसित किया गया है। इसके तहत नागरिकों को एक डिजिटल हेल्थ आईडी दी जाती है, जिससे उनका स्वास्थ्य रिकॉर्ड ऑनलाइन सुरक्षित रहता है। यह प्रणाली डेटा सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करती है, और जानकारी केवल नागरिक की अनुमति से साझा की जा सकती है। 2.26+ करोड़ स्वास्थ्य रिकॉर्ड लिंक, 17,800+ स्वास्थ्य सुविधाएँ और 42,000 पेशेवर भी पंजीकृत आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत अब तक 2.26 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड को सफलतापूर्वक डिजिटल रूप से लिंक किया जा चुका है। साथ ही, इस मिशन के अंतर्गत 17,800+ स्वास्थ्य सुविधाओं का भी पंजीकरण पूरा हो चुका है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। इसके अलावा, 42,000 से अधिक स्वास्थ्य पेशेवरों ने भी अपने पंजीकरण को पूरा कर डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली से जुड़ने की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया है। भावनगर एबीडीएम माइक्रोसाइट का देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन, 9 महीन के तय समय सीमा से पहले हासिल किया लक्ष्य देश के 100 एबीडीएम माइक्रोसाइट प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन में गुजरात के भावनगर माइक्रोसाइट ने देशभर में सर्वोत्तम प्रदर्शन किया है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित 9 महीने की समय-सीमा से भी पहले ही भावनगर माइक्रोसाइट ने अपने सभी माइलस्टोन्स को पूरा कर लिया। इतना ही नहीं, भावनगर माइक्रोसाइट 2 लाख+ स्वास्थ्य रिकॉर्ड लिंक करने वाला देश का पहला माइक्रोसाइट भी बन गया है। साथ ही, गुजरात के अन्य तीन प्रमुख माइक्रोसाइट्स अहमदाबाद और सूरत ने भी हाल ही में अपने सभी माइलस्टोन्स को पूरा कर लिया है, और राजकोट माइक्रोसाइट भी अपने सभी लक्ष्यों को पूरा करने के काफी समीप है। गौरतलब है कि 27 सितंबर 2021 को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत निजी स्वास्थ्य पेशेवरों और संस्थानों को डिजिटल सेवाओं से जोड़ने के लिए एबीडीएम माइक्रोसाइट पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत अहमदाबाद, सूरत और मुंबई में हुई थी। इस परियोजना के उत्साहजनक परिणामों के बाद अब देशभर में 100 एबीडीएम माइक्रोसाइट्स लागू की जा चुकी हैं। एबीडीएम की स्कैन और शेयर सुविधा से ओपीडी अनुभव हुआ सरल और सहज आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत, स्कैन और शेयर सुविधा से स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। यह सुविधा पंजीकृत नागरिकों को राज्य के 19 मेडिकल कॉलेज संलग्न अस्पतालों में उपलब्ध कराई गई है। मरीज अब सिर्फ एक क्यूआर कोड स्कैन करके आसानी से अपनी ओपीडी का टोकन नंबर प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही, डॉक्टरों को मरीज की आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) से जुड़ी सभी डिजिटल स्वास्थ्य जानकारी तुरंत उपलब्ध हो जाती है। क्यूआर कोड स्कैन और शेयर सुविधा ने न केवल मरीजों के अनुभव को बेहतर किया है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की प्रक्रिया को भी अधिक कुशल और प्रभावी बना दिया है। सतीश/29 अप्रैल