28-Apr-2025
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वाराणसी (ईएमएस)। साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए कई विभागों द्वारा जनजागरूकता के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।इसी क्रम में ऑनलाइन धोखाधड़ी की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए डाक कर्मचारियों के बीच आज सतर्कता शाखा वाराणसी क्षेत्र द्वारा साइबर सुरक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कर्नल विनोद पीएमजी वाराणसी ने स्टाफ सदस्यों को संबोधित किया और ऑनलाइन लेनदेन के दौरान होने वाले सभी खतरों और लॉटरी घोटाले, पुरस्कार धोखाधड़ी, रोजगार धोखाधड़ी और अन्य प्रकार के साइबर अपराधों के बारे में विस्तार से बताया। कर्नल विनोद ने बताया कि प्रतिभागियों को धोखेबाजों द्वारा की जाने वाली सबसे आम धोखाधड़ी के बारे में जानने की जिज्ञासा थी, जिसमें वे स्वयं को पुलिस अधिकारी या प्रवर्तन विभाग के अधिकारी के रूप में पेश करते हैं। उन्होंने धोखाधड़ी के तरीकों के बारे में जानकारी दी और सभी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या किसी अज्ञात वेबसाइट पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करने की सलाह दी। उन्होंने उनसे संभावित धोखाधड़ी के बारे में स्वयं को शिक्षित करने तथा ज्ञात व्यक्तियों के बीच जागरूकता फैलाने का आग्रह किया तथा कहा कि लालच ऐसी धोखाधड़ी के मामलों का मुख्य कारण है और यह स्पष्ट है कि यह बहुत सारा पैसा कमाने का यह शॉर्टकट है। एएसपी सतर्कता पल्लवी ने सरकारी कार्य के दौरान साइबर सुरक्षा के निहितार्थ के बारे में भी बताया, क्योंकि पासवर्ड और गुप्त जानकारी किसी भी व्यक्ति के साथ साझा की जा सकती है जो किसी के खाते से पैसा निकालने का इरादा रखता है। एम.एम. हुसैन ने एक धोखेबाज व्यक्ति से फोन पर बात करने का अपना अनुभव भी साझा किया, जो उनके खाते का ओटीपी पूछ रहा था। राहुल ने बताया कि कई बार लोग अज्ञानता के कारण जानकारी साझा कर देते हैं और धोखा खा जाते हैं। इस अवसर पर सतर्कता शाखा के स्टाफ सदस्य पंकज एवं श्री शिव राम कृष्ण को सतर्कता कार्यों में उनके योगदान के लिए विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कर्नल विनोद ने साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी और सलाह दी कि यदि ऐसा कोई अपराध होता है तो लोग www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें या 1930 टेलीफोन नंबर पर कॉल करें। डॉ नरसिंह राम/28/04/2025