राष्ट्रीय
28-Apr-2025
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आदिल शाह के बलिदान को सदन ने किया नमन जम्मू,(ईएमएस)। पहलगाम में आतंकी हमले को ध्यान में रखते हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र सोमबार को बुलाया गया। सत्र के प्रारंभ में समस्त विधायकों ने 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में मारे गए समस्त लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा। इस विशेष सत्र की कार्रवाई को नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला ने भी विजिटर गैलरी में बैठकर देखी। जम्मू-कश्मीर विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में केंद्र शासित प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और एनसी नेता सुरेंद्र चौधरी ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए प्रस्ताव पेश किया। विधानसभा में पेश प्रस्ताव में कहा गया, कि यह सदन पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का पूरी तरह से समर्थन करता है। 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर किए गए बर्बर और अमानवीय हमले पर यह सदन गहरा दुःख व्यक्त करता है। इस जघन्य और कायराना हमले की साफ तौर पर निंदा करता है। इस तरह के आतंकी हमले कश्मीरियत के चरित्र, हमारे संविधान में निहित मूल्यों तथा एकता, शांति और सद्भाव की भावना पर सीधा हमला है, जो लंबे समय से जम्मू-कश्मीर और हमारे देश की विशेषता रही है। इसके आगे प्रस्ताव में कहा गया, कि यह सदन पीड़ितों और उनके परिजनों के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़ा है। उन सभी लोगों के प्रति हम अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं जिन्हें अपूर्णीय क्षति हुई है। हम उनके दुख को साझा करने और उनकी जरूरत की घड़ी में उनका साथ देने के अपने सामूहिक संकल्प की पुष्टि करते हैं। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा में प्रस्तुत प्रस्ताव में कहा गया, कि यह सदन शहीद सैयद आदिल हुसैन शाह के सर्वोच्च बलिदान को नमन करता है, जिन्होंने पर्यटकों को बचाने की खातिर बहादुरी से प्रयास करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। जम्मू-कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र में कांग्रेस विधायक गुलाम अहमद मीर ने कहा, कि पहलगाम आतंकी हमले से हम स्तब्ध और दु:खी हैं और इसकी निंदा करते हैं। पहली दफा कश्मीर के लोगों ने आतंकवादी हमले के खिलाफ बंद का आह्वान किया. हम इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने के सरकार के कदम की तारीफ करते हैं. सभी दलों ने सरकार को अपना समर्थन दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम अब्दुल्ला सरकार पर सवाल नहीं उठा सकते क्योंकि कानून और व्यवस्था उसके अधीन नहीं बल्कि केंद्र के पास है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को इस चूक के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, सरकार द्वारा उठाए गए सभी कदमों का हम समर्थन करेंगे। हिदायत/ईएमएस 28अप्रैल25