टोरंटो,(ईएमएस)। कनाडा में आम चुनाव के लिए आज वोटिंग की जा रही है, जिसके आधार पर देश की अगली सरकार तय हो सकेगी। कनाडा में ये चुनाव ऐसे समय हो रहे हैं जबकि कनाडा अपने पड़ोसी देश अमेरिका के साथ टैरिफ वॉर में उलझा हुआ है और घरेलू मोर्चे पर भी आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है। यहां बताते चलें कि कनाडा में आधिकारिक तौर पर अक्टूबर 2025 में चुनाव निर्धारित थे, लेकिन प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने पिछले महीने समय से पहले चुनाव कराए जाने का ऐलान कर दिया था। उन्होंने इसके लिए तर्क दिया था, कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों से निपटने और देश में स्थिरता बनाए रखने के लिए उन्हें मजबूत जनादेश की आवश्यकता है। साल 2015 से प्रधानमंत्री रहे जस्टिन ट्रूडो ने इस साल की शुरुआत में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, इसके बाद ही मार्क कार्नी को लिबरल पार्टी ने अपना नया नेता और प्रधानमंत्री चुना था। कनाडा के संविधान के मुताबिक, प्रधानमंत्री यदि चाहे तो कार्यकाल पूरा करने से पहले ही संसद भंग कर चुनाव करा सकते हैं। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला लिबरल पार्टी और कंजर्वेटिव पार्टी के बीच है। जहां तक लिबरल पार्टी का सवाल है तो यह 1867 में स्थापित की गई थी। इस लिहाज से लिबरल पार्टी कनाडा की सबसे पुरानी और प्रभावशाली राजनीतिक पार्टियों में शुमार की जाती है। यह पार्टी प्रगतिशील विचारधारा, सामाजिक कल्याण, और पर्यावरण संरक्षण का समर्थन करती है। हालांकि, हाल के सालों में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को लेकर सरकार की आलोचना भी खूब हुई है। चुनाव की बात करें तो पिछले आम चुनाव में लिबरल पार्टी को 153 सीटें मिली थीं और उसने न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के समर्थन से अल्पमत सरकार बनाकर चलाई थी। वहीं दूसरी तरफ कंजर्वेटिव पार्टी पारंपरिक आर्थिक नीतियों, कम टैक्स और सीमित सरकारी हस्तक्षेप का समर्थन करती है। पार्टी ने इस चुनाव में उच्च महंगाई दर, आवास संकट और सीमा सुरक्षा को बड़ा मुद्दा बनाकर चुनाव मैदान में है। अब मतदान के बाद चुनाव परिणाम यह तय करेंगे कि क्या मार्क कार्नी लिबरल पार्टी को सत्ता में बनाए रखने में सफल होंगे या कंजर्वेटिव पार्टी देश की बागडोर संभालेगी। इस समय कनाडा में मतदान केंद्रों पर उत्साह देखा गया है और वोटिंग प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से जारी है। हिदायत/ईएमएस 28अप्रैल25