राष्ट्रीय
28-Apr-2025


नई दिल्ली,(ईएमएस)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले की साजिश में भी पाकिस्तानी सरकार या सेना सीधे तौर पर शामिल है। दरअसल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से पहलगाम हमले की निंदा करते हुए बयान जारी किया गया है, लेकिन उसमें आतंकी संगठन टीआरएफ का नाम शामिल नहीं है। इसकी वजह थी कि फिलहाल यूएनएससी के अस्थायी मेंबर पाकिस्तान ने टीआरएफ का नाम शामिल न होने की जिद रख दी। उसके समर्थन में चीन उतर आया और फिर अमेरिका से भी लंबी जद्दोजहद कर पाकिस्तान ने टीआरएफ का नाम शामिल न कराने में सफलता पा ली। यदि पाकिस्तान का टीआरएफ या फिर आतंकी हमले से कोई ताल्लुक न होता तो वह उसके नाम को बयान में शामिल होने से रोकने के लिए इतनी खींचतान क्यों करता। एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान ने इसीलिए टीआरएफ का नाम शामिल न करने पर जोर दिया क्योंकि इससे संगठन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पड़ताल होती तो सीधा लिंक पाकिस्तान से ही जुड़ता, जो कि है। पाकिस्तान के प्रतिनिधि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हर बार की तरह घिसी पिटी दलील देते रहे कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि द रेजिस्टेंस फोर्स का इस हमले में हाथ था। पूरे मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि पहलगाम पर बयान अमेरिका की ओर से तैयार किया गया था। इसमें यह बात शामिल थी कि हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली है, लेकिन फिर पाकिस्तान की जिद और चीन के समर्थन से उसे हटा दिया गया है। बता दें कि 2019 के हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी औऱ उसका नाम तब यूएनएससी के बयान में शामिल किया गया था। यही नहीं पाकिस्तान सरकार की यह रणनीति ही है कि द रेजिस्टेंस फोर्स भी अब अपने दावे से मुकर रहा है। पहले उसने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन अब उसका कहना है कि यह हमला उसने नहीं कराया है। पुराने बयान को लेकर आतंकी संगठन का कहना है कि हमारे अकाउंट्स पर साइबर अटैक किया गया था। उसी के तहत यह गलत दावा किया गया। वीरेंद्र/ईएमएस/28अप्रैल2025 -----------------------------------