28-Apr-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। सिगरेट पीने का सीधा असर पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है। इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि जो पुरुष लंबे समय से धूम्रपान कर रहे हैं, उनके शुक्राणु कमजोर हो जाते हैं और उनमें पिता बनने की क्षमता धीरे-धीरे घटती जाती है। हालिया अध्ययनों में यह पाया गया है कि सिगरेट में मौजूद निकोटिन, कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य जहरीले रसायन शुक्राणुओं की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। इससे न केवल शुक्राणुओं की संख्या कम होती है, बल्कि उनकी गति और संरचना पर भी विपरीत असर पड़ता है। विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि धूम्रपान से उत्पन्न विषाक्त तत्व रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देते हैं, जिससे लिंग में रक्त प्रवाह कम हो जाता है और यह स्थिति इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी नपुंसकता का रूप ले सकती है। इसके साथ ही सिगरेट पीने से पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर भी घटता है, जिससे उनकी यौन इच्छा और प्रदर्शन प्रभावित होता है। इतना ही नहीं, लंबे समय तक धूम्रपान करने से शुक्राणुओं के डीएनए को भी नुकसान पहुंचता है, जिससे भ्रूण के विकास में बाधा उत्पन्न हो सकती है और गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है। यह खतरा खासतौर पर युवाओं के लिए और भी ज्यादा गंभीर है, जो शुरुआत में इसे आदत समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं। विशेषज्ञों ने चेताया है कि धूम्रपान के कारण शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ता है, जो शुक्राणु कोशिकाओं को नष्ट कर सकता है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और धूम्रपान से परहेज कर वे अपनी प्रजनन क्षमता को बनाए रख सकते हैं। विशेषज्ञों ने साफ कहा है कि धूम्रपान न केवल फेफड़ों और हृदय को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह एक पुरुष के पितृत्व की संभावना को भी खतरे में डाल सकता है।इसलिए यह जरूरी है कि पुरुष समय रहते इस आदत से दूरी बनाएं और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। सुदामा/ईएमएस 28 अप्रैल 2025