नई दिल्ली,(ईएमएस)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का संकेत दिया है। सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर में लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं और एनआईए इस हमले की गहन जांच में जुटी है। रविवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर एक अहम बैठक की। इस बैठक में आतंकवादियों के खात्मे और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा की गई। जानकारी के अनुसार रक्षा मंत्री के साथ हुई बैठक के बाद सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस, और सेना ने मिलकर संवेदनशील इलाकों में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है, और कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। वहीं, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डायरेक्टर जनरल दलजीत सिंह चौधरी भी गृह मंत्रालय पहुंचे और सीमा सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ चल रही कार्रवाइयों पर चर्चा की। इसके अलावा, एनआईए की एक विशेष टीम भी पहलगाम पहुंची है, जो आतंकी हमले की साजिश और आतंकी नेटवर्क की गहरी पड़ताल कर रही है। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े टीआरएफ ने ली है, और पाकिस्तान से संदिग्ध कनेक्शन के मद्देनजर भारत सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं। इनमें सिंधु जल संधि का निलंबन, अटारी बॉर्डर चेकपोस्ट बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं पर रोक, और भारत में पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश शामिल हैं। भारत की सुरक्षा स्थिति में यह रणनीतिक कदम पाकिस्तान के आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीति के खिलाफ सख्त संदेश देते प्रतीत हो रहे हैं। हिदायत/ईएमएस 27अप्रैल25