राज्य
27-Apr-2025


- वन विभाग ने बाकी 3 को केरवा सेंटर वापस भेजा भोपाल (ईएमएस)। भोपाल के हलाली डेम क्षेत्र में गिद्ध संवर्धन एवं प्रजनन केंद्र केरवा से छोड़े गए छह गिद्धों में से तीन की मौत हो गई है। वन विभाग ने शेष तीन गिद्धों को वापस सेंटर में भेज दिया है। गिद्ध संवर्धन एवं प्रजनन केंद्र केरवा से छह गिद्धों को उनके प्राकृतिक आवास में छोडऩे की पहल की गई थी। इनमें दो सफेद पीठ वाले और चार लंबी चोंच वाले गिद्ध शामिल थे। इन गिद्धों का प्रजनन केरवा केंद्र में हुआ था। इनको छोडऩे के बाद, वन विभाग ने इन गिद्धों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस लगाए थे। वन विभाग के अनुसार एक गिद्ध की मौत जंगली जानवरों के हमले से हुई, जबकि अन्य दो की मौत भूख या अन्य कारणों से हुई। वर्तमान में, केरवा केंद्र में सफेद पीठ वाले 34 और लंबी चोंच वाले 46 गिद्ध हैं। वन विभाग और केंद्र के विशेषज्ञ इन गिद्धों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। भोपाल स्थित केरवा गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र की स्थापना वर्ष 2014 में की गई थी। लगभग साढ़े पांच एकड़ क्षेत्र में फैले इस केंद्र में सफेद पीठ वाले और लंबी चोंच वाले गिद्धों को संरक्षित किया गया है। वर्ष 2017 में इस केंद्र में पहला सफेद पीठ वाला गिद्ध का चूजा अंडे से बाहर आया था, जिससे केंद्र की प्रजनन योजना को सफलता मिली थी। गिद्धों की घटती संख्या को देखते हुए इस संरक्षण पहल की अहमियत और भी बढ़ जाती है। एक समय भारत में गिद्धों की संख्या चार करोड़ से अधिक थी, लेकिन 2000 तक इनकी संख्या में लगभग 99 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसके पीछे डाइक्लोफेनेक नामक पशु चिकित्सा दवा को प्रमुख कारण माना गया, जिस पर अब केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगाया है। इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं - 2021 में मध्यप्रदेश में 9,446 गिद्ध, 2024 में 10,845 गिद्ध, और 2025 की पहली गणना में यह संख्या 12,000 से अधिक पहुंच चुकी है। विनोद / 27 अप्रैल 25

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