जम्मू,(ईएमएस)। भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच जम्मू-कश्मीर की अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास बसे गांवों में चिंता और भय का माहौल गहरा गया है। सीमा से सटे इलाकों में लोग सतर्क हो गए हैं। कई जगहों पर ग्रामीणों ने अपने बंकरों की सफाई भी करना शुरु कर दी है। यही नहीं गेहूं की फसल को भी समय से पहले काटी जा रही हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षित रह सकें। गौरतलब है कि भारत 3,323 किलोमीटर लंबी सीमा पाकिस्तान के साथ साझा करता है, जिसमें जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में 221 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा और 744 किलोमीटर नियंत्रण रेखा शामिल है। वर्ष 2021 के बाद संघर्षविराम उल्लंघन में गिरावट आई थी, लेकिन हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने फिर से चिंता बढ़ा दी है। इस हमले में दो दर्जन से ज्यादा निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी गई थी, जिससे पूरे देश में आक्रोश व्याप्त है। सरकार ने पहले ही सीमा के पास रहने वालों की सुरक्षा के लिए व्यापक तैयारी कर रखी है। दिसंबर 2017 में जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में 14,460 व्यक्तिगत और सामुदायिक बंकरों के निर्माण को मंजूरी दी गई थी। इसके बाद 4,000 से अधिक अतिरिक्त बंकरों को भी स्वीकृति दी गई। आरएसपुरा सेक्टर के त्रेवा गांव की पूर्व सरपंच बलबीर कौर ने स्थानीय मीडिया से कहा, कि कोई नहीं जानता कि आगे क्या होगा। हमने अंडरग्राउंड बंकर तैयार करने का फैसला किया ताकि सीमा पार से गोलाबारी की स्थिति में खुद को सुरक्षित कर सकें। उन्होंने कहा कि हम अपनी भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। बंकर सफाई अभियान की निगरानी कर रहीं बलबीर कौर का कहना है कि हम चाहते हैं कि सरकार सीमा पार बैठे आतंकवादियों और उनके आकाओं के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करे। जिन्होंने निर्दोषों की हत्या की है, उनका पूरी तरह से सफाया होना चाहिए। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि गांवों में गेहूं की कटाई का काम भी तेजी से चल रहा है। महिलाएं बंकरों की सफाई कर रही हैं और पुरुष खेतों में फसल काटने में व्यस्त हैं। हम बिना हथियार के सैनिक हैं और देश की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। सांबा, कठुआ, पुंछ और राजौरी जिलों से भी ऐसी ही रिपोर्ट सामने आ रही हैं, जहां ग्रामीण सतर्कता बरत रहे हैं। पुंछ जिले के सलोत्री गांव के निवासी बताते हैं कि हम हमेशा की तरह अपने सैनिकों के साथ मजबूती से खड़े हैं और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं। वर्तमान में जम्मू क्षेत्र की सीमाएं शांत हैं, लेकिन घाटी में हाल के दिनों में संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाएं बढ़ी हैं। क्या कहती है खुफिया रिपोर्ट यहां खुफिया रिपोर्ट की बात करें तो दक्षिण कश्मीर के पहलगाम और अनंतनाग जिलों में आतंकियों की घुसपैठ और आतंकी नेटवर्क को फिर से सक्रिय करने की कोशिशें तेज हो गई हैं। इसी को देखते हुए भारतीय सुरक्षाबलों ने इलाके में गश्त और निगरानी को और अधिक बढ़ा दिया है। हिदायत/ईएमएस 27अप्रैल25