व्यापार
27-Apr-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। एपीडा (एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी) के चेयरमैन अभिषेक देव ने इस संभावनाओं पर जोर दिया है और कहा कि भारतीय मादक पेय पदार्थों के लिए वैश्विक बाजारों में काफी मौके हैं। भारत में बनने वाली शराब की दुनियाभर में मांग तेजी से बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है, और इसका निर्यात 37 करोड़ डॉलर से बढ़कर 2030 तक एक अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। उन्होंने बताया कि भारत के पास जिन, बीयर, वाइन और रम जैसे उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद मौजूद हैं, जिनकी मांग वैश्विक स्तर पर बढ़ रही है। देव ने भारतीय मादक पेय कंपनियों के परिसंघ (सीआईएबीसी) द्वारा आयोजित एल्कोबेव इंडिया सम्मेलन में कहा, हमारे पास विभिन्न प्रकार के जिन, बीयर, वाइन और रम जैसे अच्छे उत्पाद हैं, जिनकी निर्यात संभावनाएं बहुत अधिक हैं। उन्होंने उद्योग को यह भी सलाह दी कि वे निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नए बाजारों की तलाश करें और घरेलू बाजार से संतुष्ट न रहें। एपीडा के चेयरमैन ने यह भी बताया कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जैविक उत्पादों के लिए आपसी मान्यता समझौता फाइनल होने के करीब है, और इसमें जैविक वाइन भी शामिल है, जो निर्यात के अवसरों को और बढ़ाएगी। इस अवसर पर खाद्य प्रसंस्करण सचिव सुब्रत गुप्ता ने भी उद्योग से आग्रह किया कि वह मूल्यवर्धित उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करें और फलों तथा सब्जियों की बर्बादी को रोकने के उपायों को बढ़ावा दें। गुप्ता ने कहा, भारत कृषि उत्पादों का प्रमुख उत्पादक है, लेकिन प्रसंस्करण की क्षमता में हम पीछे हैं। इसके साथ ही उन्होंने मादक पेय पदार्थों के निर्यात को बढ़ाने के लिए जोर दिया और कहा कि इससे भारत को बहुमूल्य विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी। सुदामा/ईएमएस 27 अप्रैल 2025