भोपाल (ईएमएस)। शिक्षकों एवं विद्यार्थियों में बौद्धिक संपदा अधिकार और इसकी उपयोगिता के संबंध में जागरूकता पैदा करने के लिए मध्यप्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा सरोजिनी नायडू कन्या महाविद्यालय,शासकीय कमला नेहरू कन्या उच्चतर माध्यमिक स्कूल, ओरियंट स्कूल एवं द आइकॉनिक स्कूल में 26 अप्रैल को विश्व बौद्धिक संपदा दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में रिसोर्स पर्सन के रूप में डॉ. अजय चौबे, शैलेन्द्र कसेरा ने बौद्धिक संपदा के विविध पहलुओं जैसे कॉपीराइट, पेटेंट और ट्रेडमार्क की गहन जानकारी दी। उन्होंने रोचक उदाहरणों से यह समझाया कि कैसे विद्यार्थी अपने नवाचार और मौलिक रचनाओं के ज़रिए पेटेंट प्राप्त कर सकते हैं और इससे आर्थिक लाभ भी अर्जित कर सकते हैं। इसके साथ ही अपने संबोधन में नवाचार, अनुसंधान और बौद्धिक संपदा संरक्षण के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित किया कि वे अपनी कल्पनाशक्ति और सृजनशीलता को संरक्षित कर देश के विकास में योगदान दें। कार्यक्रम में छात्रों ने बौद्धिक संपदा के महत्व को समझते हुए नवाचार करने का संकल्प लिया। सभी विद्यालयों के प्राचार्य सहित शिक्षकों ने परिषद के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों में रचनात्मकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते हैं। इस अवसर पर परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने नवाचार को बौद्धिक संपदा के रूप में पंजीयन कराने और उसके व्यवसायीकरण पर जोर दिया है। हरि प्रसाद पाल / 26 अप्रैल, 2025