भोपाल में हर साल 60 हजार से ज्यादा बच्चों और गर्भवतियों को लगाए जा रहे टीके भोपाल (ईएमएस)। टीकाकरण जागरूकता के लिए विश्व टीकाकरण सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें Immunization for All is Humanly Possible की थीम पर टीकाकरण की पहुंच एवं जागरूकता को बढ़ाने के लिए गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। सप्ताह के दौरान रिक्त उप स्वास्थ्य केंद्रों, कम उपलब्धि वाले वार्डों, उप स्वास्थ्य केंद्रों एवं हाईरिस्क क्षेत्र में आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से जन्म से लेकर 5 वर्षों के बच्चों की सूची तथा ड्यू लिस्ट अनुसार टीकाकरण किया जा रहा है। पैरी अर्बन एरिया एवं मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के रहवासी परिवारों के बच्चों के टीकाकरण हेतु विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। मेडिकल ऑफिसर, एएनएम, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स, सुपरवाइजर, आशा कार्यकर्ताओं का उन्मुखीकरण किया जा रहा है। स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, चौपाल व चौराहा, मंदिर ग्राम प्रवेश दीवार पर टीकाकरण संबंधी नारे लेखन करवाया जा रहा है। भोपाल जिले में पिछले साल 60275 बच्चों को टीके लगाए गए हैं जिसका कवरेज 105% है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दिसंबर 2026 तक खसरा और रूबेला के निर्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। खसरा और रूबेला संक्रामक रोगों के शून्य मामलों के लक्ष्य प्राप्त करने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए एमआर 1 एवं एमआर 2 अटीकाकृत बच्चों की जानकारी घर-घर जाकर ली जा रही है। जिले में 50789 बच्चों को एमआर 1 और 47928 बच्चों को एम आर 2 टीके लगाए गए हैं। प्रत्येक गर्भवती महिला को टीडी टीके का डोज सुनिश्चित करने के लिए टीकों का सत्यापन भी किया जा रहा है। मातृ एवं शिशु कार्ड में प्रविष्टियों की स्थिति भी देखी जा रही है। बच्चों के टीकाकरण से वंचित रहने की विस्तृत रूप से समीक्षा की जा रही है, ताकि कोई भी बच्चा इन टीकों से वंचित न रहे। कोविड-19 महामारी के संक्रमण की गंभीरता को कम करने में भी टीकाकरण ने अपनी भूमिका निभाई है। निजी क्षेत्रों में जिन टीकों की कीमत हजारों में है, वो सरकार नि:शुल्क लगवा रही है। आज टीकाकरण के द्वारा ही पोलियो, हेपेटाइटिस बी, टीबी, डिप्थीरिया, पर्टूटिस, टिटनेस, निमोनिया, डायरिया, खसरा ,रूबेला जैसी गंभीर एवं जानलेवा बीमारियों से बचाव हो रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि 12 गंभीर बीमारियों से अपने बच्चों को बचाने के लिए समय पर टीके लगवाना हर माता-पिता का मूलभूत दायित्व है। पोलियो जैसी गंभीर बीमारी का उन्मूलन टीकाकरण के माध्यम से ही किया गया है। टीकों के द्वारा ही कई बीमारियों का उन्मूलन किया जा चुका है। जबकि कई जानलेवा बीमारियों से बचाव में भी टीके महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत हेपेटाइटिस बी, पोलियो, बीसीजी, रोटावायरस, एफआईपीवी, पीसीवी , पेंटावेलेंट, विटामिन ए, मीजल्स , रुबेला, डीपीटी, टीडी के टीके लगाए जा रहे हैं। ये सभी टीके शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में नि:शुल्क लगाए जाते हैं। धर्मेंद्र, २६ अप्रैल, २०२५