मुंबई, (ईएमएस)। महाराष्ट्र में पालतू जानवरों के लिए श्मशानभूमि की व्यवस्था करने के संबंध में महाराष्ट्र सरकार के नगर विकास विभाग द्वारा २५ अप्रैल को अधिसूचना जारी किया गया है। राज्य के कुछ स्थानीय नागरिक स्वराज्य संस्था मनुष्य श्मशानभूमि के बगल में आरक्षित जगह में तो कुछ स्थानीय नागरिक स्वराज्य संस्था घनकचरा व्यवस्थापन केंद्र के बगल में आरक्षित जगह में पालतू जानवरों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था करते हैं। श्मशान भूमि के बगल के जगह में पालतू जानवरों का अंतिम संस्कार करने से धार्मिक, सामाजिक तनाव निर्माण होने की संभावना है। पालतू जानवरों का अंतिम संस्कार करते समय उचित सावधानी न बरतने पर दुर्गंध और बीमारी फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। साथ ही उस आरक्षित जगह में अन्य मृत जानवर फेंकने की संभावना है। इसलिए पालतू जानवरों के अंतिम संस्कार के लिए घनकचरा व्यवस्थापन केंद्र के बगल में जगह उपलब्ध कराने का मामला सरकार के पास विचाराधीन था। महाराष्ट्र में प्राणी-मित्र द्वारा कुत्ते, बिल्ली, सफेद चूहे, अन्य गौवंशीय पशु आदि पालतू जानवर पाले जाते हैं। पालतू जानवरों की उम्र कम होती है और उनकी मृत्यु के बाद मृत जानवर खाड़ी, तालाब, खुली जगह, पानी के गड्ढे या सड़क पर फेंके जाते हैं। मृत जानवरों के शरीर का उचित निपटान न करने पर दुर्गंध फैलकर संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा होता है। जिससे नागरिकों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के कार्यक्षेत्र में घनकचरा व्यवस्थापन केंद्र के बगल में पालतू जानवरों के अंतिम संस्कार के लिए जगह उपलब्ध कराने की मांग की जा रही थी। उस बारे में निम्नलिखित मार्गदर्शक सूचनाओं का कार्यान्वयन राज्य के सभी महानगरपालिका/नगरपरिषद/नगरपंचायतों द्वारा करना आवश्यक है। १) राज्य के सभी महानगरपालिका/नगरपरिषद/नगरपंचायतों ने उनके कार्यक्षेत्र में घनकचरा व्यवस्थापन केंद्र के बगल में जगह पालतू जानवरों के अंतिम संस्कार के लिए उपलब्ध करानी चाहिए। २) दी जाने वाली जगह को संरक्षक दीवार और सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए। ३) मृत जानवरों का अंतिम संस्कार करते समय उचित सावधानी बरती जाए ताकि उससे दुर्गंध निर्माण न हो। जिससे अन्य बीमारियाँ नहीं फैलेंगी, इसकी सावधानी संबंधित नागरिक स्वराज्य संस्थाओं को लेनी चाहिए। ४) मृत पालतू जानवर अन्य जगह नहीं डाले जाएंगे, इसकी सावधानी राज्य के सभी नागरिक स्वराज्य संस्थाओं को लेनी चाहिए। ५) राज्य के नागरिक स्वराज्य संस्थाओं द्वारा निर्धारित शुल्क लेकर पालतू जानवरों के अंतिम संस्कार के लिए अनुमति दी जानी चाहिए। इस तरह का शासन परिपत्रक जारी किया गया है और कहा गया है कि राज्य के सभी स्थानीय निकाय इसका कार्यान्वयन करें। संतोष झा- २६ अप्रैल/२०२५/ईएमएस