राज्य
25-Apr-2025
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प्रधानमंत्री मोदी के विरासत के साथ विकास के मंत्र को चरितार्थ करने राज्य सरकार प्रतिबद्ध उद्योग, रोजगार, कृषि, कौशल उन्नयन के लिए तेजी से हो रहा है कार्य उपलब्धिपूर्ण रहे प्रदेश सरकार के 500 दिन मुख्यमंत्री ने स्टेट ऑफ स्टेट्स कॉन्क्लेव को किया संबोधित भोपाल(ईएमएस)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत @2047 के संकल्प को पूरा करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार मिशन मोड में कार्य कर रही है। प्रदेश के गरीब, युवा, अन्नदाता (किसान) और नारी सशक्तिकरण के लिए 4 मिशन की शुरुआत कर कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में कार्य करने का अवसर मिलना, हमारा सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि कर्मशीलता जीवन का ध्येय है और कार्य का मूल्यांकन तो समाज और संगठन करता है। मध्यप्रदेश अर्थव्यवस्था की दृष्टि से भारत का सबसे तेज गति से बढ़ने वाला राज्य है। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ाने के लिए सरकार ने पहले संभागीय स्तर पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) और भोपाल में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2025 आयोजित कीं, जिससे 30 लाख करोड़ से अधिक का निवेश प्राप्त हुआ। प्रदेश की इंडस्ट्रियल ग्रोथ रेट 12 प्रतिशत से अधिक है। राज्य सरकार ने दुग्ध उत्पादन क्षमता 9% से बढ़ाकर 20% तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। सरकार विरासत के साथ विकास के मूल मंत्र पर कार्य करते हुए मध्यप्रदेश को अग्रिम पंक्ति में खड़ा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार ने इस वर्ष 4 लाख 21 हजार करोड़ का बजट प्रस्तुत किया है। यह प्रदेश की ग्रोथ को दर्शाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्टेट ऑफ स्टेट्स कॉन्क्लेव में उल्लेखनीय उपलब्धियों के साथ प्रदेश सरकार के 500 दिन पूर्ण होने पर यह विचार रखे। कॉन्क्लेव में पहलगाम आतंकी हमले में दिवंगत पर्यटकों की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज प्रदेश में 100 से अधिक औद्योगिक पार्क स्थापित हो चुके हैं। हर सेक्टर में निवेशक उद्योग-व्यापार करने के लिए मध्यप्रदेश का रुख कर रहे हैं। यह प्रदेश की उपलब्धि है कि दक्षिण के राज्यों में कॉटन (कपास) के क्षेत्र में कार्य करने वाली औद्योगिक इकाइयां भी मध्यप्रदेश आ रही हैं। आगामी वर्षों में राज्य में बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार मिलेगा, साथ ही शासकीय पदों पर भी भर्ती जारी रहेगी। सरकार ने 5 वर्ष में ढ़ाई लाख नौकरियां देने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि किसान-कल्याण और खेती को फायदे की गतिविधि बनाने के लिए समग्र रूप से गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। गेहूं का मूल्य कभी 600 रुपए हुआ करता था, जिसे आज हमारी सरकार 2600 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीद रही है। किसानों की समृद्धि के लिए नई योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है। किसानों को धान और सोयाबीन के साथ कम पानी और लागत वाली वैकल्पिक फसलों की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। पशुपालन से गौपालकों की आय बढ़ाने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना प्रारंभ की गई है। इसमें कोई गौपालक एक यूनिट (25 गाय) से लेकर 8 यूनिट (200 गाय) तक पाल सकता है। सरकार गौपालकों को 25 प्रतिशत तक अनुदान देगी। इन योजनाओं से प्रदेश में दूध उत्पादन तो बढ़ेगा ही साथ में प्रदेशवासियों को रोजगार के और अधिक अवसर भी उपलब्ध होंगे। दूध उत्पादन में गुजरात ने आदर्श मॉडल प्रस्तुत किया है, राज्य सरकार ने भी राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के साथ सहकारिता अनुबंध किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारा देश जल्द ही अर्थव्यवस्था के मामले में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ेगा। मध्यप्रदेश सरकार व्यापार में निवेश बढ़ाने के साथ युवाओं के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दे रही है, इससे जर्मनी और जापान मैन पॉवर की कमी से जूझ रहे देशों में भी हमारे युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। जापान और जर्मनी जैसे टेक्नोलॉजी में हमसे आगे चल रहे देशों की नवीन तकनीकों का प्रदेश हित में लाभ लेने की दिशा में भी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। सरकार ने नई उद्योग नीति में रोजगार आधारित उद्योग स्थापित करने पर जमीन उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है। मध्यप्रदेश सरकार कारोबारियों को टैक्स में भी छूट प्रदान करेगी। प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। प्रदेश में अगर कोई रोजगार आधारित उद्योग लगाएगा तो उन्हें सब्सिडी प्रदान की जाएगी। नई औद्योगिक नीति में उद्योग स्थापित करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है। प्रदेश में आ रही औद्योगिक इकाइयों के लिए सभी जरूरी अनुमतियों को पूरा करने और आवश्यक समन्वय के लिए कलेक्टरों के मार्गदर्शन में सभी जिलों में प्रकोष्ठ स्थापित किए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार की ओर से सहायता उपलब्ध कराई गई है। इन परियोजनाओं से राज्य का सिंचाई रकबा बढ़ेगा। नर्मदा, केन-बेतवा जैसी बड़ी नदियां मध्यप्रदेश से ही निकलती है, प्रदेश के वन इन नदियों की समृद्धि का आधार हैं। इसलिये वनों का संरक्षण आवश्यक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जो राज्य इन नदियों से समृद्ध होते हैं, उनकी ओर से प्रदेश के वनों के संरक्षण में योगदान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर व्यवस्था होना चाहिए। हर तरह के टूरिज्म को बढ़ावा दे रही है सरकार मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि प्रदेश में सभी तरह के टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भी नई पॉलिसी तैयार की गई है। हेल्थ टूरिज्म के लिए नए-नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। एयर एंबुलेंस जैसी सेवाएं शुरू कर राज्य में चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। प्रमुख मंदिरों, राम वन गमन पथ और विरासतों का संरक्षण कर धार्मिक पर्यटन को बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विरासत से विकास की यात्रा में उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य के सुशासन, न्यायप्रियता, दयालुता, त्याग और वीरता को दुनिया के सामने लाने के लिए लाल किले पर विक्रमादित्य महानाट्य का आयोजन किया गया। सम्राट विक्रमादित्य ने कभी स्वयं को राजा या सम्राट नहीं माना, उसी सेवा भावना के साथ मध्यप्रदेश सरकार प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। हरि प्रसाद पाल / 25 अप्रैल, 2025