25-Apr-2025


भोपाल(ईएमएस)। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के नेतृत्व में, एम्स भोपाल और ईको इंडिया के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। ईको इंडिया एक अग्रणी गैर-लाभकारी संगठन है जो क्षमता-विकास और सहभागी शिक्षण मॉडल के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और आजीविका के क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिए कार्यरत है। ईको इंडिया मध्यप्रदेश में भी सक्रिय रूप से कार्यरत है, जहाँ वह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के सहयोग से एक राष्ट्रव्यापी क्षमता-विकास कार्यक्रम के अंतर्गत बीटा थैलेसीमिया और अन्य हीमोग्लोबिनोपैथीज़ की रोकथाम और नियंत्रण पर काम कर रहा है। यह कार्यक्रम विशेषज्ञ चिकित्सा शिक्षा प्रदान कर इन रक्त विकारों के प्रभावी रोकथाम, पहचान और उपचार को बढ़ावा दे रहा है। यह समझौता ज्ञापन एम्स भोपाल की ओर से डीन (अनुसंधान) और ईको इंडिया की ओर से डॉ. संदीप भल्ला, उपाध्यक्ष (परियोजना) द्वारा हस्ताक्षरित किया गया। इस सहयोग के अंतर्गत विशेषज्ञ-नेतृत्व में प्रशिक्षण सत्र, ज्ञान-विनिमय बैठकें और वर्चुअल शिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य संस्थान के संकाय सदस्यों, रेजिडेंट्स और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के सतत व्यावसायिक विकास को सशक्त बनाना है। इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने समझौते के दीर्घकालिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, यह साझेदारी ईको इंडिया के साथ हमारे उस मिशन के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य केवल रोगियों की देखभाल में उत्कृष्टता प्राप्त करना ही नहीं, बल्कि अकादमिक विकास और अनुसंधान को भी बढ़ावा देना है। भविष्य के लिए तैयार स्वास्थ्य प्रणाली के लिए एक मजबूत शिक्षण, मार्गदर्शन और साझा अनुभवों का मंच आवश्यक है। इस सहयोग के माध्यम से हम अपने स्वास्थ्यकर्मियों में निवेश कर रहे हैं, जो हमारी स्वास्थ्य प्रणाली की रीढ़ हैं – उन्हें ऐसे ज्ञान और कौशल से सुसज्जित कर रहे हैं, जिससे वे जनस्वास्थ्य की बदलती मांगों का आत्मविश्वास और संवेदनशीलता के साथ सामना कर सकें। इस पहल के महत्व को रेखांकित करते हुए एम्स भोपाल के डीन (अनुसंधान) डॉ. रेहान-उल-हक़ ने कहा, एम्स भोपाल में हमारा मानना है कि संस्थानों को केवल नैदानिक उत्कृष्टता के केंद्र नहीं, बल्कि निरंतर शिक्षण और ज्ञान-विनिमय के भी केंद्र होना चाहिए। एम्स भोपाल, एनएचएम मध्यप्रदेश और ईको इंडिया के बीच यह रणनीतिक साझेदारी जनस्वास्थ्य लक्ष्यों को आगे बढ़ाने और समुदाय के कल्याण को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। हरि प्रसाद पाल / 25 अप्रैल, 2025