-कोर्ट के आदेश के सालो बाद भी 70 प्रतिशत बस्तियों को नहीं मिला पीने के लिये साफ पानी -कहीं पाईप लाइन फूटी मिली तो कहीं नाले के बीच से गुजर रहे है सप्लाई के पाइप भोपाल(ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट के 30 अगस्त 2018 के आदेश के परिपालन संबध में शुक्रवार को यूनियन कार्बाइड के आस पास की 42 प्रदूषित मोहल्लों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निगरानी समिति के आदेश पर भोपाल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सुनित अग्रवाल की अध्यक्ष्ता में 19 मोहल्लों का निरीक्षण किया गया। गौरतलब हैं कि साल 2004 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कार्बाइड कारखाने के आस-पास के 14 मोहल्लो का भूजल में कार्बाइड के जहर (हैवी मेटल्स, पेस्टीसिड्स और पर्सिस्टें आर्गेनिक पोलूटेंट्स) मिलने के बाद इन सभी मोहल्लो में पाइप लाइन से साफ़ पानी उपलब्श कराने के आदेश दिये थे। भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एन्ड एक्शन की रचना ढिंगरा ने जानकारी देते हुए बताया की साल 2012 में आईआईटीआर (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टॉक्सीकॉलिजिकल रिसर्च) द्वारा इन 14 बस्तियों के अलावा 8 और मोहल्लो का पानी कार्बाइड के जहर से प्रदूषित पाया गया और साल 2018 की रिपोर्ट के अनुसार 20 अन्य मोहल्लों में भूजल प्रदूषण फ़ैल गया। सुप्रीम कोर्ट ने सभी मोहल्लो में पाइप लाइन से साफ़ पानी उपलब्ध कराने, सीवेज का निर्माण करने और हर तीन महीने पर पानी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के आदेश 30 अगस्त 2018 को दिए थे। इन सभी पर निगरानी रखने के लिए मई 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने एक समिति गठित की जिसके अध्यक्ष मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन है, जो की एमपी हाई कोर्ट के जज है। समिति के सदस्य सचिव भी एमपीएलएसए के है। इसके साथ ही समिति में गैस राहत के कमिश्नर, नगर निगम कमिश्नर, नगर निगम के वाटर वर्क्स के एई सचिव, एमपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और गैस पीड़ित संगठन-भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एन्ड एक्शन के सदस्य शामिल है। रचना ढींगरा ने जानकारी देते हुए बताया की शुक्रवार को निरीक्षण और पानी की सैंपलिंग 19 मोहल्लो में की गई। भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एन्ड एक्शन और भोपाल गैस पीड़ित महिला-पुरुष संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने अन्नू नगर और आरिफ नगर में रवासियों को अभी भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध ट्यूबवेल से पानी पपलब्ध कराए जाने के साक्ष्य दिखाए। इसके साथ ही ब्लू मून कालोनी, प्रेम नगर, शिव शक्ति नगर, उड़िया बस्ती, शिव नगर, गरीब नगर, नवाब कालोनी में पाईप लाइन फूटी होने की वजह से या नाले के बीच होने की कारण किस तरह लोग दूषित पानी पीने को मजबूर है, उसका भी निरिक्षण कराया। वहीं फूटा मकबरा, कैंची छोला, कल्याण नगर आदि मोहल्लों में लोगो के पानी कनेक्शन आज तक नहीं दिए गए है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के सपष्ट आदेश है, कि इन 42 मोहल्लों के रहवासी जिनके घर साल 2012 से पहले बने हुए है, उन्हें नगर निगम मुफ्त कनेक्शन प्रदान करेगी। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कई जगह से पानी के सैंपल भी लिए है।| साथ ही भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एन्ड एक्शन ने समिति को इन सभी 42 मोहल्लों की पानी की स्थिति नाली के आभाव के कारण सीवेज का पानी पीने के पानी में मिलने के सम्बन्ध में फोटो और वीडियो के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट दी है। जिसमे बताया है कि 70 प्रतिशत से ज्यादा मोहल्लो के लोगो को पीने के लिये साफ़ पानी नहीं मिल रहा है, जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना नगर निगम द्वारा की जा रही है। रचना ढींगरा ने कहा की यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित निगरानी समिति के अध्यक्ष को दी जाएगी जो अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखेंगे । जुनेद / 25 अप्रेल