अब सरकार ने बरती और सख्ती...नरवाई जलाने वाले किसानों को नहीं मिलेगा सरकारी लाभ, 1 मई से लागू होंगे सख्त नियम नरवाई जलाने में मप्र पूरे देश में टॉप पर -प्रदेश में नरवई जलाने में विदिशा नंबर वन, उज्जैन तीसरे, इंदौर 5वें नंबर पर भोपाल(ईएमएस)। मप्र में सरकार की सख्ती के बावजूद किसान लगातार नरवाई जला रहे हैं। नरवाई जलाने से जानमाल की क्षति के कई मामले आ चुके हैं। आज स्थिति यह है कि मप्र नरवाई जलाने में पूरे देश में अव्वल है। इसको देखते हुए सरकार ने नरवाई जलाने की घटनाओं पर सख्त कार्यवाही करने का निर्णय लिया है। सरकार के निर्देशानुसार 1 मई से यदि कोई किसान अपने खेत में नरवाई जलाता है, तो उसे न केवल मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ नहीं मिलेगा, बल्कि उससे अगली खरीफ फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर उपार्जन भी नहीं किया जाएगा। यह निर्णय पर्यावरण सुरक्षा, वायु प्रदूषण रोकथाम और भूमि की उर्वरकता बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। रबी की फसल कटने के साथ ही देशभर में किसान नरवाई जला रहे हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के कन्सोर्टियम फॉर रिसर्च ऑन एग्रो-ईकोसिस्टम मानीटरिंग एंड माडलिंग फ्रॉम स्पेस (सीआरईएएमएस) के बुलेटिन से खुलासा हुआ है कि देश में नरवाई जलाने के मामले में मप्र नंबर एक पर है।।नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सीआरईएएमएस बुलेटिन के अनुसार मध्य प्रदेश में अभी तक गेहूं की पराली यानि नरवाई जलाने की 20422 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं। वहीं मप्र में नरवाई जलाने के मामले में विदिशा नंबर-1 पर है। उज्जैन तीसरे और सफाई में नंबर-1 इंदौर नरवई जलाने के मामले में 5वें नंबर पर है। बता दें कि सीआरईएएमएस गेहूं के अवशेष जलाने के कारण होने वाली सक्रिय आग की घटनाओं की सैटेलाइट रिमोट सेंसिंग से निगरानी करता है। इन घटनाओं का आकलन मानक प्रोटोकाल का पालन करते हुए किया जाता है। सीआरईएएमएस रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में नरवाई जलाने में सबसे आगे विदिशा में 1 से 21 अप्रैल तक 3181 घटनाएं हो चुकी हैं। इंदौर में 1 से 21 अप्रैल तक 1281 घटनाएं हो चुकी हैं। यह पिछले साल के मुकाबले लगभग 4 गुना ज्यादा हैं। 2024 में इंदौर में नरवई जलाने की मात्र 387 घटनाएं दर्ज की गई थी। विदिशा में सबसे ज्यादा नरवई जलाने के मामले मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का संसदीय क्षेत्र विदिशा इस साल नरवई जलाने में सबसे आगे है। हालांकि 2022 से 2025 तक पिछले तीन साल में यह पहली बार है, जब नरवई जलाने के मामले में विदिशा पहले नंबर पर आया है। 2022 में विदिशा दूसरे नंबर पर था। तब विदिशा में नरवई जलाने की 2481 घटनाएं दर्ज हुई थी। वहीं 2023 में 941 और 2024 में 601 घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं। 2025 में 1 से 21 अप्रैल तक नरवई जलाने की 3181 घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं। लिस्ट में उज्जैन तीसरे नंबर पर मप्र के सीएम डॉ. मोहन यादव का गृह जिला उज्जैन इस साल नरवई जलाने के मामले में तीसरे नंबर पर है। उज्जैन में नरवई जलाने के मामले रोजाना बढ़ रहे हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 19 अप्रैल के बुलेटिन के अनुसार उज्जैन नरवई जलाने में चौथे नंबर पर था। वहीं 21 अप्रैल के बुलेटिन में उज्जैन तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। 2023 में नरवई जलाने के मामले में उज्जैन दूसरे नंबर पर था। 2023 में उज्जैन में नरवई जलाने की 1349 घटनाएं दर्ज की गई थी। वहीं इस साल 1 से 21 अप्रैल तक 1606 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। उज्जैन में 2024 में नरवई जलाने की 432 घटनाएं दर्ज की गई थी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. डीके वाघेला ने बताया कि किसान गेहूं की फसल के बाद ग्रीष्मकालीन मूंग की बुवाई करते हैं। इसलिए खेतों को जल्द खाली करने के चक्कर में नरवाई में आग लगा देते हैं। नरवई जलाने के कारण वातावरण प्रदूषित होता है। सबसे ज्यादा असर एक्यूआई पर पड़ता है। नरवाई की आग में जिंदा जला किसान सागर के बीना में एक किसान नरवाई की आग में जिंदा जल गया। किसान की पत्नी भी मौके पर थी। किसान खेत के पास रखी लकड़ी के ढेर को हटाने की कोशिश में गिर गया और सारी लड़कियां उसके ऊपर आ गईं। इसके बाद वह खेत में लगी आग की चपेट में आ गया। घटना ग्राम हींगटी में गुरुवार रात की है। किसान राजेंद्र अहिरवार (45) खेत के पास बनी झोपड़ी में पत्नी और बेटे के साथ रहता था। पत्नी छोटी बाई का कहना है कि 5 एकड़ खेत में पति ने आग लगाई थी। लकड़ी के ढेर में वो फंस गए। बाल्टी से आग पर पानी डाला, लेकिन बुझी नहीं। पति की मौत हो गई। पुलिस ने शव को बीना अस्पताल भिजवाया, जहां पोस्टमार्टम किया जाएगा। पुलिस जांच कर रही है। हादसे के बाद से राजेंद्र की पत्नी और बेटा सदमे में हैं। सागर में नरवाई जलाने का रिकॉर्ड टूटा सागर जिले में नरवाई जलाने के मामले में किसानों ने दो साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। इस बार अभी तक नरवाई जलाने के 603 मामले सामने आए हैं, जो पिछले साल की तुलना में 177 ज्यादा हैं। पिछले 15 दिन में ही जिले में नरवाई जलाने पर 40 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। विनोद उपाध्याय / 25 अप्रैल, 2025