25-Apr-2025
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नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष रहे नई दिल्ली (ईएमएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन का 84 साल की उम्र में शुक्रवार सुबह बेंगलुरु में निधन हो गया। परिवार के सूत्रों ने बताया कि उनके परिवार में दो बेटे हैं। पिछले कुछ माह से वे उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। रविवार को उनका अंतिम संस्कार होगा। इससे पहले रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट में उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। अधिकारियों ने बताया, अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को 27 अप्रैल को रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई) में रखा जाएगा।’’ इसरो के पूर्व प्रमुख महत्वाकांक्षी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को तैयार करने वाली मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। एनईपी में सूचीबद्ध शिक्षा सुधारों के प्रणेता के रूप में मशहूर कस्तूरीरंगन ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और कर्नाटक नॉलेज कमीशन के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया था। कस्तूरीरंगन राज्यसभा के भी सदस्य रह चुके थे। वर्ष 2003 से 2009 तक वह इस सदन के सदस्य थे। उन्होंने तब भारत के तत्कालीन योजना आयोग के सदस्य के रूप में भी काम किया। कस्तूरीरंगन अप्रैल 2004 से 2009 तक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज, बेंगलुरु के निदेशक भी रहे थे। पूर्व इसरो प्रमुख का जन्म 24 अक्टूबर 1940 को केरल के एर्नाकुलम में सी.एम. कृष्णास्वामी अय्यर और विशालाक्षी के घर हुआ था। तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाला उनका परिवार त्रिशूर जिले के चालाकुडी में बस गया था। उनकी मां पलक्कड़ अय्यर परिवार से थीं। अगस्त 2003 में सेवानिवृत्त होने से पहले अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने नौ साल तक इसरो के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उनके अनुकरणीय कार्य के लिए उन्हें वर्ष 2000 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। आशीष दुबे / 25 अप्रैल 2025