राष्ट्रीय
25-Apr-2025
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धर्म पूछकर लोगों की हत्या करते, वे राक्षस नई दिल्ली,(ईएमएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में बड़ा बयान देकर कहा है कि मौजूदा संघर्ष धर्म और अधर्म के बीच है, न केवल किसी संप्रदाय या धर्म के नाम पर। उन्होंने कहा कि जो लोग धर्म पूछकर लोगों की हत्या करते हैं, वे कट्टरपंथी हैं, और ऐसा आचरण राक्षसी प्रवृत्ति के लोगों हो सकते है। संघ प्रमुख ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की बात कह कर कहा कि अगर हमारे पास शक्ति है, तब दिखानी होगी। आरएसएस चीफ ने कहा, यह लड़ाई संप्रदायों या धर्मों के बीच नहीं है। इसका आधार जरूर धर्म और संप्रदाय है, लेकिन वास्तव में धर्म और अधर्म के बीच की जंग है। उन्होंने कहा, भारतीय सैनिकों या नागरिकों ने कभी किसी की धर्म पूछकर हत्या नहीं की। हिंदू कभी भी धर्म पूछकर हत्या नहीं करते। जो लोग धर्म पूछकर लोगों की हत्या करते हैं, वे कट्टरपंथी हैं, और ऐसा आचरण राक्षसी प्रवृत्ति का परिचायक है। उन्होंने कहा, इस कायरना हमले के बाद हमारे दिल में दर्द है। हम गुस्से में हैं लेकिन बुराई को नष्ट करने के लिए ताकत का इस्तेमाल करना होगा। रावण ने अपना इरादा नहीं बदला तब और कोई विकल्प नहीं था। प्रभु राम ने दुचारी रावण को सुधारने का मौका दिया था और उसके बाद मारा था।’’ भागवत ने रावण के प्रसंग का उदाहरण देकर कहा, रावण भगवान शिव का भक्त था, वेद जानता था, लेकिन उसका मन और बुद्धि परिवर्तन को तैयार नहीं थे। इसके बाद राक्षस रावण का अंत प्रभु राम ने किया, क्योंकि परिवर्तन के लिए कभी-कभी विनाश आवश्यक होता है। उन्होंने कहा कि राक्षसी प्रवृत्ति के लोगों का अंत ही देश और धर्म की रक्षा के लिए जरूरी है। संघ प्रमुख ने कहा, इस हमले के बाद देश के हर नागरिक के मन में दुख और क्रोध होना स्वाभाविक है, क्योंकि राक्षसों के विनाश के लिए परमशक्ति की जरुरत होती है। आशीष दुबे / 25 अप्रैल 2025