- न सम्मान निधि मिलेगी,न MSP पर फसल बेच सकेंगे भोपाल (ईएमएस)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश कृषि आधारित राज्य है। फसल कटाई के बाद खेतों में नरवाई जलाने के मामलों में वृद्धि होने से वायु प्रदूषण सहित कई प्रकार से पर्यावरण को बेहद नुकसान हो रहा है। खेत में आग लगाने से जमीन में उपलब्ध पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं और भूमि की उर्वरक क्षमता में भी गिरावट आती है। इसके निदान के लिये राज्य सरकार पहले ही नरवाई जलाने को प्रतिबंधित कर चुकी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इसके बाद भी यदि कोई किसान अपने खेत में नरवाई जलाता है तो उसे मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा नरवाई जलाने पर संबंधित किसान से अगले साल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल उपार्जन भी नहीं किया जाएगा। वे समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में राजस्व विभाग की समीक्षा में निर्देशित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण, मृदा संरक्षण एवं भूमि की उत्पादकता बनाए रखने के मद्देनजर राज्य सरकार का यह निर्णय एक मई से लागू होगा। -अतिक्रमण हटाने के लिए चलाएं अभियान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासकीय भूमि, कुएं, बावड़ियों, तालाबों एवं गांवों में सार्वजनिक रास्तों पर अतिक्रमण हटाने के लिए सख्ती से विशेष अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान में सभी जल संग्रहण स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए राजस्व अधिकारी अपनी महती भूमिका निभाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत सभी अमृत सरोवर, तालाब, बांध, नहर एवं अन्य जल संरचनाओं को राजस्व अभिलेखों में अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाए और अभियान में नहर, कुए और बावड़ियों जैसी जल संरचनाओं को पूर्णत: अतिक्रमण मुक्त किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को नामांतरण और बंटवारा जैसे राजस्व से जुड़े कार्यों का तय समय सीमा में निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के लिए भू-अर्जन के प्रकरण प्राथमिकता के साथ निराकृत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के अधिकारी अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों का नियमित निरीक्षण करें। नामांतरण, बँटवारा आदि मामलों का निराकरण समय सीमा में निरंतर होता रहे, यह भी सुनिश्चित किया जाए। -साइबर तहसीलसे मिल रहा बड़ा लाभ मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राजस्व सहित सभी विभाग डिजिटाइजेशन की दिशा में अग्रसर है। इसका सीधा लाभ प्रदेशवासियों को मिल रहा है, उन्हें अब जरूरी कार्यों के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ता है। मध्यप्रदेश की साइबर तहसील परियोजना इसी दिशा में किया गया एक नवाचार है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार देकर इसकी सराहना की है। उन्होंने बताया कि साइबर तहसील के सकारात्मक परिणाम मिले हैं और किसानों सहित सभी नागरिकों के जीवन में बड़ा बदलाव नजर आ रहा है। साइबर तहसील 1.0 में अब तक 1 लाख 56 हजार 700 से अधिक और साइबर तहसील 2.0 में अब तक 1 लाख 19 हजार से अधिक प्रकरण निराकृत किए जा चुके हैं। साइबर तहसील 3.0 में भी 26 जनवरी 2025 तक नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, नक्शा, तरमीम और सीमांकन के 7 लाख प्रकऱण दर्ज हुए हैं। पहले 2 चरणों में 80 लाख से अधिक लंबित प्रकरणों का निपटारा किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, नक्शा संशोधन जैसे राजस्वगत कार्यों की पेंडेंसी जल्द से जल्द खत्म की जाए। राजस्व महा अभियान को मिला बेहतर रिस्पांस मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में चलाए गए तीन राजस्व महा अभियानों को बेहतर रिस्पांस मिला है। उन्होंने बताया कि गत 15 नवम्बर से 26 जनवरी 25 तक चले राजस्व महाअभियान 3.0 में 29 लाख से अधिक राजस्व प्रकरणों का निराकरण दर्ज किया गया है। इसके बेहतर परिणामों को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभागीय अधिकारियों को राजस्व महा अभियान वर्ष में दो बार संचालित किए जाने पर विचार करने को कहा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में राजस्व महाअभियान की सफलता को देखते हुए छत्तीसगढ़ जैसे अन्य राज्यों ने भी इसे लागू किया है। यह हमारे लिये गौरव की बात है। -स्वामित्व योजना के अंतर्गत अभिलेख वितरण कार्य पूरा बैठक में बताया गया कि राजस्व विभाग के नवाचारी प्रयासों के तहत तैयार की गई स्वामित्व योजना एवं फार्मर रजिस्ट्री के मामले में मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। बताया गया कि स्वामित्व योजना में प्रदेश में ग्रामीण आबादी में निजी लक्षित सम्पत्तियों की संख्या लगभग 45.60 लाख है। इनमें से लगभग 39.63 लाख निजी सम्पत्तियों का अधिकार अभिलेख वितरित कर दिया गया है, योजना का 88 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जून 2025 तक यह कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। साथ ही फार्मर रजिस्ट्री के लिए विशेष कैंप एवं स्थानीय युवाओं का सहयोग लिया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 80 लाख फार्मर आईडी बनाई जा चुकी हैं, यह कार्य भी जून 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। 85 लाख किसानों को मिल रही सम्मान निधि राज्य सरकार ने फरवरी 2019 के बाद नए भू-धारकों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया है। इस योजना में केंद्र सरकार हर वर्ष पात्र किसानों को 6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता उनके बैंक खातों में ट्रांसफर करती है। मार्च 2025 तक प्रदेश के 85 लाख से अधिक हितग्राहियों को 28 हजार 800 करोड़ रुपए राशि वितरित की जा चुकी है। साथ ही राज्य सरकार की ओर से भी पात्र मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में किसानों को 6 हजार रुपए की सहायता प्रदान की जा रही है। वर्ष 2020 से लागू इस योजना में अब तक प्रदेश के 85 लाख से अधिक हितग्राहियों को 17 हजार 500 करोड़ रूपये राशि अंतरित की गई है। फसलों का डिजिटल सर्वे राजस्व विभाग ने गिरदावरी के लिए वर्ष 2024 से फसलों का डिजिटल सर्वे कार्य शुरू किया है। इसमें 60 हजार से अधिक ग्रामीण युवाओं द्वारा खेत और फसलों का सर्वे कार्य पूर्ण किया जा रहा है। प्रदेश में 190 तरह की फसलों की खेती हो रही है। -मजबूती से रखें शासन का पक्ष मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्राय: शासकीय भूमि के विवाद लंबे समय तक लम्बित रहते हैं। इसमें शासन का पक्ष बेहद मजबूती से रखे जाने की आवश्यकता है। सुनिश्चित करें कि शासकीय वकीलों द्वारा ऐसे प्रकरणों में साक्ष्यों के साथ मजबूती से शासन का पक्ष रखा जाए। प्रकरणों का निर्णय शासन के पक्ष में न आना, कहीं न कहीं उदासीनता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रकरणों में शासकीय अधिवक्ताओं के प्रदर्शन की भी समीक्षा की जाए।