-नए रूट लंबे होने से परिचालन लागत में होगी वृद्धि, हवाई किराया भी बढ़ेगा नई दिल्ली,(ईएमएस)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान ने भारतीय विमान कंपनियों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। इसके बाद देश की प्रमुख एयरलाइंस, विशेष रूप से इंडिगो और एयर इंडिया के अधिकारियों ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से होकर गुजरने वाली सभी उड़ानों के वैकल्पिक मार्ग तलाशने के लिए आंतरिक बैठक की। मीडिया रिपोर्ट में एक एयरलाइन के अधिकारी ने बताया कि विशेष रूप से यूरोप और अमेरिका के लिए नए रूट लंबे होंगे जिससे हमारी परिचालन लागत में वृद्धि होगी और हवाई किराया बढ़ जाएगा। स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर भारत से संयुक्त अरब अमीरात के लिए एयरलाइन की उड़ानें अब वैकल्पिक मार्गों से संचालित होंगी। नतीजतन, इन विमानों में उड़ान के लंबे समय को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त ईंधन रखना होगा। प्रवक्ता ने कहा कि स्पाइसजेट के उड़ान कार्यक्रम पर कोई महत्त्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा। एयरलाइन के अधिकारी ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद 2019 में भारतीय विमान कंपनियों को करीब पांच महीने तक ऐसी ही स्थिति का सामना किया था। अगर अब भी हवाई क्षेत्र इतने ही समय तक बंद रहता है, तो काफी वित्तीय बोझ पड़ेगा। एयर इंडिया के एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तानी रास्ता बंद होने के बाद उसके विमान अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप के अन्य देशों और पश्चिमी एशिया के लिए वैकल्पिक मार्गों से जाएंगे। इंडिगो ने भी कहा कि उसकी कुछ उड़ानें प्रभावित होंगी और यात्री दोबारा टिकट बुक कर सकते हैं। 14 फरवरी, 2019 को हुए पुलवामा आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। जवाबी कार्रवाई में भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविरों पर हवाई हमले किए थे। इसके बाद पाकिस्तान ने तुरंत भारतीय विमान कंपनियों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था। तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा को बताया था कि पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण 26 फरवरी से 2 जुलाई, 2019 के बीच भारतीय विमान कंपनियों को 540 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। अकेले एयर इंडिया को 491 करोड़ रुपए की चपत लगी, जबकि निजी एयरलाइंस स्पाइसजेट, इंडिगो और गोएयर को उस दौरान 30.73 करोड़, 25.1 करोड़ और 2.1 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा था। उस समय एयर इंडिया के एक बयान से हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण एयरलाइन को होने वाले नुकसान का अंदाजा लगाया जा सकता है। उस दौरान 16 जुलाई, 2019 को एयर इंडिया ने एक बयान में बताया था कि पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र को दोबारा खोलने और अमेरिका व यूरोप के लिए वन-वे उड़ानों के लिए उसकी परिचालन लागत में 20 लाख रुपए और 5 लाख रुपए की कमी आने की उम्मीद है। यह लागत उस समय के हिसाब से थी। अब उड़ानों के लिए दोबारा मार्ग तैयार करना और भी जटिल व महंगा साबित हो सकता है, क्योंकि भारतीय विमान कंपनियों का अंतरराष्ट्रीय संचालन 2019 से 2025 के बीच काफी बढ़ गया है। सिराज/ईएमएस 25अप्रैल25