नई दिल्ली,(ईएमएस)। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की मुश्किल बढ़ती जा रही हैं। पहले सिंधु जल समझौता तोड़ा अब और कई तरह से भारत झटके देने की तैयारी में है। खबर है कि लंबे समय समय से अटकी परियोजनाओं में भारत सरकार तेजी लाने जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, चिनाब-झेलम-सिंधु एक्सिस पर किरु से क्वार तक हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट्स के काम में तेजी लाए जाने की तैयारी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इन परियोजनाओं के रफ्तार पकड़ने से हिमालयी क्षेत्र को करीब 10 हजार मेगावाट का फायदा हो सकता है। हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स में तेजी और बैठकों में नहीं जाने पर विचार के अलावा खबर है कि भारत अब पाकिस्तान के साथ हाइड्रोलॉजिकल डेटा शेयर नहीं करने पर भी विचार कर रहा है। इसमें बाढ़ का डेटा भी शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत इस संबंध में सभी कानूनी पहलुओं पर गौर कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने पाकिस्तान के साथ नदी से जुड़ा डेटा शेयर नहीं करने पर भी विचार किया है। 540 मेगावाट क्वार, 1000 मेगावाट पकल दुल, 624 मेगावाट किरु, 390 मेगावाट किरथई एक, 930 मेगावाट किरथई 2, 1856 मेगावाट सावलकोट समेत अन्य हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स में तेजी आने से जम्मू और कश्मीर को मिलने वाली बिजली में काफी इजाफा हो जाएगा। इसके अलावा कई प्रोजेक्ट पावर प्लान में भी यह सहायक होगा। इनमें तुलबुल से बगलीहार, किशनगंगा, रतले, उरी, लोअर कलनई समेत कई योजनाएं शामिल हैं। जलाशय ‘फ्लशिंग’ एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल जलाशयों में गाद को प्रबंधित करने के लिए किया जाता है। इसमें जमा हुए गाद को बाहर निकाला जाता है। इसमें जलाशय से उच्च जल प्रवाह को छोड़ना भी शामिल है। वीरेंद्र/ईएमएस/25अप्रैल2025