ठाणे, (ईएमएस)। कश्मीर में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद मुंबई, ठाणे समेत महाराष्ट्र भर में पुलिस को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस को अलर्ट रहने के आदेश के बावजूद ठाणे, डोंबिवली और कल्याण रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा राम भरोसे ही है। ठाणे रेलवे स्टेशन के पूर्व में स्थापित यात्री सामान एवं माल जांच प्रणाली गायब है। कल्याण स्टेशन के पश्चिम में स्थापित जांच प्रणाली का बिल्कुल भी उपयोग नहीं किया जाता है। जबकि डोंबिवली स्टेशन पर तो यह प्रणाली उपलब्ध ही नहीं है। इसलिए यह सवाल उठ रहा है कि यात्रियों की सुरक्षा पुलिस बल पर कितनी निर्भर करेगी। मालूम हो कि कश्मीर में पर्यटकों पर आतंकवादी हमला हुआ। इस हमले में डोंबिवली के तीन पर्यटकों की मौत हो गई। इससे पूरे ठाणे जिले में शोक व्याप्त हो गया है। आतंकवादी हमले के बाद रेलवे पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल के जवानों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। मगर यहां सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या ये अलर्ट आदेश महज कागजी आदेश हैं। यह दावा किया गया कि 26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद मुंबई, ठाणे में महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रेलवे सुरक्षा बल ने सुरक्षा कारणों से ठाणे रेलवे स्टेशन के पूर्व में बैगेज स्क्रीनिंग सिस्टम और मेटल डिटेक्टर जैसी निरीक्षण प्रणालियां स्थापित की थीं। लेकिन पूर्व में सैटिस परियोजना पर काम चल रहा है। इसलिए, इस निरीक्षण प्रणाली को हटा दिया गया। आलम यह है अब कोई भी व्यक्ति बिना किसी जांच के ठाणे रेलवे स्टेशन में प्रवेश कर सकता है। यही हाल डोंबिवली रेलवे स्टेशन का भी है वहां पर भी कोई सुरक्षा प्रणाली स्थापित नहीं की गई है। जबकि कल्याण रेलवे स्टेशन के पश्चिम में यात्री सामान जांच प्रणाली स्थापित की गई है। लेकिन यह व्यवस्था अव्यवस्थित है। पूर्व दिशा में कोई प्रणाली स्थापित नहीं की गई है। हर रोज लाखों यात्री ठाणे, डोंबिवली और कल्याण रेलवे स्टेशनों से यात्रा करते हैं। लेकिन चूंकि यह व्यवस्था अपर्याप्त है, इसलिए यात्रियों की सुरक्षा का मुद्दा सामने आ गया है। कल्याण और ठाणे स्टेशनों पर लंबी दूरी की ट्रेनें चलती हैं। इसलिए, सवाल यह उठता है कि दुर्घटना की स्थिति में कौन जिम्मेदार होगा ? स्वेता/संतोष झा- २५ अप्रैल/२०२५/ईएमएस