राज्य
24-Apr-2025


प्रभावित लोगों को पुनर्वासित किये जाने की मांग को लेकर पूर्व विधायक का मुख्य सचिव को ज्ञापन प्रेषित देहरादून (ईएमएस)। रिस्पना व बिन्दाल नदियों के किनारे बनने वाली एलिवेटेड रोड़ से वहां पर निवास कर रहे लोग भयभीत हैं। प्रभावित लोगों को पुनर्वासित किये जाने की मांग को लेकर पूर्व विद्यायक राजकुमार ने मुख्य सचिव को ज्ञापन प्रेषित करते हुए उचित कार्यवाही किये जाने की मांग की है जिससे इन लोगों का डर दूर हो सके। इस अवसर पर पूर्व विधायक राजकुमार ने अपने ज्ञापन में कहा है कि उत्तराखंड की नौकरशाही के सर्वोच्च पद मुख्य सचिव पर आसीन होने की बधाई और शुभकामनाएं दी है और कहा है कि मुख्य सचिव का पद संभालते ही विकास योजनाओं और अतिक्रमण की आड़ में उजाड़ी जा रही मलिन बस्तियों के लोगों के पुनर्वास को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। इससे मलिन बस्तियों में अपने खून पसीने की कमाई और कर्ज लेकर मकान बनाने वालों को आशा की एक उम्मीद जगी है। इस अवसर पर उन्होंने ज्ञापन में कहा है कि पूर्व में सरकार द्वारा मलिन बस्तियों के मालिकाना हक के लिए नियमावली बनाई गयी थी और जिसको कैबिनेट व विधानसभा द्वारा पास कर मलिन बस्तियों के रख-रखाव के लिए चार सौ करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। उन्होंने कहा कि इसके लिए गठित समिति के सर्वेक्षण के अनुसार, उत्तराखण्ड में 582 मलिन बस्तियां है, जिनमें प्रदेश भर में लगभग 18 लाख से अधिक की आबादी बसी हुई है। इस अवसर पर ज्ञापन में कहा गया कि देहरादून नगर क्षेत्र में सात लाख से अधिक की आबादी है तथा जहां दो लाख से अधिक कच्चे पक्के भवन निर्मित है। इस दौरान ज्ञापन में कहा गया कि यह बस्तियां बहुत लम्बे समय 1977 से 1980 के बीच बसी हुई है. यदि इन्हें पूर्व में पट्टे दे दिए गये होते तो आज यह फ्री होल्ड होने की स्थिति में हो जाते। इस दौरान ज्ञापन में कहा गया कि दो अक्टूबर 2016 में तत्कालीन सरकार द्वारा मलिन बस्तियों के लगभग एक सौ परिवारों को मालिकाना हक देकर इसकी शुरुआत कर भी दी गई थी। इस दौरान ज्ञापन में कहा गया कि इस क्षेत्र में अधिकांश भूमि शासन की है, जो किन्हीं कारणों से खाली पड़ी थी और जिस पर कई लोग काबिज हो गए। इस खाली पड़ी भूमि का जनहित में उपयोग करने का अधिकार राज्य सरकार का है। इस अवसर पर ज्ञापन में कहा गया कि इसलिए वहां निवासरत सभी को भू-स्वामित्व व मालिकाना हक दिया जाना ही उचित है। ज्ञापन में कहा गया कि वर्तमान में सरकार मलिन बस्तियों के विरूद्ध कार्य करती आ रही है जिससे मलिन बस्तीवासी बहुत परेशानी में है। ज्ञापन में कहा गया कि मलिन बस्तियों के हित के लिए मलिन बस्तियों को स्थायी किया जाए व पूर्ण रूप से मालिकाना हक दिया जाये। शैलेन्द्र नेगी/ईएमएस/24 अप्रैल 2025