* कोरबा और रायगढ़ क्षेत्र में पुनर्वास के एवज में मिलेगा अतिरिक्त 3 लाख रुपए * ऊर्जाधानी संगठन के साथ सीएमडी और बोर्ड मेंबरों के साथ उच्च स्तरीय बैठक संपन्न कोरबा (ईएमएस) एसईसीएल प्रबंधन और भू-विस्थापितों के लिए संघर्ष कर रहे संगठन के मध्य उच्च स्तरीय बैठक आयोजित हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय के साथ पुनर्वास के लिए तीन लाख रुपए अतिरिक्त दिए जाने का भी निर्णय लिया गया। साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड मुख्यालय बिलासपुर में भू-विस्थापितों की 12 सूत्रीय मांगों सहित अन्य मुद्दों पर ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति के साथ सीएमडी हरीश दुहन, डायरेक्टर तकनीकी एन. फ्रेंकलिन जयकुमार, डायरेक्टर पर्सनल बिरंची दास, जीएम भू-राजस्व, जीएम श्रम शक्ति सहित अन्य सभी विभागों के प्रमुख अधिकारियों की दो चरण में लंबी बैठक हुई, जिसमें सभी बिंदुओं पर चर्चा हुई। ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति ने विगत 1 अप्रैल को एसईसीएल मुख्यालय में आक्रोश रैली और जबरदस्त प्रदर्शन के साथ 12 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा था। 16 अप्रैल को एसईसीएल की कोरबा, दीपका, कुसमुंडा, कोरबा और रायगढ़ क्षेत्र के खदानों में अभूतपूर्व और ऐतिहासिक आंदोलन किया गया था। एक ही दिन एक साथ खदान बंद होने और कोयला परिवहन ठप्प हो जाने से एसईसीएल प्रबन्धन को आंदोलन के आगे झुकना पड़ा था। जिसके बाद उच्च स्तर की बैठक करने पर विवश होना पड़ा। बैठक में विभिन्न माँगो पर चर्चा हुई जिसमें परियोजना स्तर पर पुनर्वास कमेटी बनाने पर एसईसीएल सहमत हुआ। जिला पुनर्वास समिति के तर्ज पर क्षेत्रीय स्तर पर समस्याओं के निराकरण के लिए कमेटी बनाई जाएगी। * उक्त बैठक में लिये गए कुछ महत्वपूर्ण फैसले ▪️ कोल इंडिया पालिसी के स्थान पर केंद्रीय पुनर्वास नीति 2013 को लागू करने के लिए पहल की जाएगी ताकि बेहतर पुनर्वास रोजगार की व्यवस्था की जा सके। ▪️ छोटे खातेदार और अर्जन के बाद जन्म, पुराने रोजगार के लंबित मामलों के निराकरण के लिए लीगल ओपिनियन के बाद उचित कार्यवाही की जाएगी। ▪️ वन एवं शासकीय भूमि पर निर्मित मकानों एवं सामूहिक अधिकार दिलाने के लिए टीम द्वारा जांच कराई जाएगी तथा अन्याय नही होने दिया जाएगा। ▪️ भू-विस्थापित व प्रभावितों के लिए आउटसोर्सिंग कंपनियों में 80% भर्ती के लिए एनआईटी में संशोधन किया जाएगा। ▪️ स्व-सहायता समूह और भू-विस्थापित कोपरेटिव सोसायटी के लिए कौशल उन्नयन कार्यक्रम संचालित की जाएगी तथा स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए सहयोग किया जाएगा। ▪️ भू-विस्थापित ठेका कार्यों को 5 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने पर सहमति प्रदान की गई। ▪️ पुनर्वास ग्रामो में सर्वे कराया जाएगा और विकास कार्य कराए जाएंगे। ▪️ जिला खनिज न्यास मद की राशि को प्रभावित ग्रामो में पंचायत के माध्यम से कराए जाने के लिए एसईसीएल जिला प्रशासन को प्रस्ताव बनाकर भेजेगी। ▪️ अमगांव के रोजगार से वंचित लोंगो को 5 लाख दिलाने के लिए क्षेत्र स्तर पर जांच कर कार्यवाही की जाएगी। ▪️ मूल किसानो के मुआवजा में कटौती नही की जाएगी, कट ऑफ डेट के बाद बने मकानों के मुआवजा निर्धारण में मूल किसानो को नुकसान नही होगा। ▪️ ठेका कामगारों के सामाजिक सुरक्षा, एचपीसी रेट, वेतन, मेडिकल जैसी सुविधाओं को पालन कराने के लिए निरीक्षण किया जाएगा और कंपनियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। ▪️ बंद होने पर खदानों में बैक फिलिंग की जाएगी और शासन को नियमत: कार्यवाही के लिए सुपुर्द किया जाएगा। ▪️ भू-विस्थापित परिवारों के लिए गांव-गांव मेडिकल कैंप और डीएवी केंद्रीय विद्यालयो में शिक्षा के लिए आरक्षण दिया जाएगा। ▪️ भू-विस्थापितों पर अनावश्यक कानूनी कार्यवाही न हो, तथा उनकी माँगो पर प्रतिमाह समस्या समाधान शिविर आयोजित किये जायेंगे। ▪️ रैखिक संबंध और तीसरी पीढ़ी के बाद रोजगार बंद कर दिए जाने की नीति में भी संशोधन किए जाने के लिए कार्यवाही की जाएगी। एसईसीएल की उक्त उच्च स्तरीय बैठक में सपुरन कुलदीप, लक्ष्मी चौहान, विजयपाल सिंह ठाकुर, रुद्रदास महंत, अनुसुईया राठौर, सन्तोष चौहान, बसन्त कुमार कंवर, ललित महिलांगे, दीपक यादव, केशव नारायण जायसवाल, लता कंवर पूर्व जनपद अध्यक्ष, मुकेश कंवर, नेहा तंवर जनपद सदस्य, गणेश सिंह उइके, ऐलम, श्रवन यादव पार्षद, तिरिथ केशव, चंदन सिंह, उर्मिला बंजारा, भरत झरिया, विनय शुक्ला, सत्यपाल साहू, बबिता आदिले, आदि सहित कोरबा, कुसमुंडा, गेवरा, दीपका, रायगढ़, हसदेव, चिरमिरी और सोहागपुर एरिया के 47 भू-विस्थापित प्रतिनिधि शामिल हुए। एसईसीएल मुख्यालय में सीएमडी और बोर्ड मेंबरों के साथ दो चरण की बैठक हुई, जिसमे भू-विस्थापित समस्याओं के समाधान कीं उम्मीद बनी है सभी माँगो पर सकारात्मक चर्चा हुई, 2021 में भी संगठन के आंदोलन के दबाव के बाद पालिसी में संशोधन हुआ था। पुनः संशोधन होने की उम्मीद है जिससे भू-विस्थापितों को लाभ होगा उन्होंने बताया है, भू-विस्थापित कॉपरेटिव के लिए पेट्रोल पंप तथा मसाला उद्योग स्थापित करने की योजना पर भी बात हुई है। इससे भू-विस्थापित परिवारों को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। 24 अप्रैल / मित्तल