-आतंकियों ने भावनाएं भड़काने जान-बूझकर हिंदुओं को निशाना बनाया नई दिल्ली,(ईएमएस)। दिल्ली में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की गुरुवार को बैठक हुई। बैठक में पहले सीडब्ल्यूसी ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की गई, जिसमें 28 पर्यटकों की मौत हो गई थी। बैठक में इस कायरतापूर्ण हमले के खिलाफ शांति और एकजुटता की अपील की गई। सुरक्षा चूकों की जांच और अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा तय करने की मांग उठाई गई। बैठक में पारित प्रस्ताव के बारे में कांग्रेस ने बताया। कांग्रेस कार्य समिति 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले पर गहरा शोक और कड़ी निंदा व्यक्त करती है। इस आतंकी हमले में 28 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई और 20 से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हैं। बैठक में शोक संतृप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट की गई। यह कायराना और सुनियोजित आतंकी हमला, जिसकी साजिश पाकिस्तान में रची गई, हमारे गणराज्य के मूल्यों पर सीधा हमला है। हिंदू नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाना। पूरे देश में भावनाएं भड़काने की एक सोची-समझी साजिश थी। हम इस गंभीर उकसावे के बावजूद शांति बनाए रखने की अपील करते हैं और संकट की इस घड़ी में हमारी सामूहिक शक्ति को दोहराते हैं। कांग्रेस कार्य समिति शांति की अपील करती है और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता और एकता के साथ लड़ने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है। कांग्रेस कार्य समिति स्थानीय पोनी वाले और पर्यटक गाइडों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनमें से एक पर्यटकों की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। इन्होंने भारत की विचारधारा को जीवंत रखा। उनका बलिदान उस भारत की भावना को दर्शाता है, जहां निस्वार्थ सेवा और मानवता सर्वोपरि है। राष्ट्र की सामूहिक इच्छा शक्ति को अभिव्यक्त करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 22 अप्रैल की रात को ही पीएम मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया था। यह ध्यान देने वाली बात है कि पहलगाम एक अत्यंत सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है, जहां त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू है। ऐसे में यह अत्यावश्यक है कि इस केंद्र शासित प्रदेश जो सीधे-सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है उसमें इस प्रकार के हमले को अंजाम देने में हुई खुफिया विफलताओं और सुरक्षा चूक की व्यापक और गहन जांच की जाए। इन सवालों को व्यापक जनहित में उठाना जरुरी है। यही एकमात्र रास्ता है, जिससे पीड़ित परिवारों के साथ न्याय होते हुए देखा जा सकता है। कांग्रेस कार्य समिति यह भी नोट करती है कि अमरनाथ यात्रा शुरु होने वाली है। देशभर से लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं, उनकी सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में देखा जाना चाहिए। इसके लिए ठोस पारदर्शी और सक्रिय सुरक्षा उपाय तुरंत लागू किए जाने चाहिए। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के उन लोगों की आजीविका की भी रक्षा की जानी चाहिए, जिनका जीवन पर्यटन पर निर्भर है। यह कार्य पूरी ईमानदारी और गंभीरता के साथ किया जाना चाहिए। इस नरसंहार की जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों और समाज के सभी वर्गों एवं सामान्य कश्मीरी नागरिकों द्वारा सर्व सम्मति से निंदा की गई, लेकिन यह अत्यंत चौंकाने वाली बात है कि बीजेपी इस गंभीर त्रासदी का दुरुपयोग अपने आधिकारिक और परोक्ष सोशल मीडिया मंचों के जरिए से और अधिक वैमनस्य, अविश्वास, ध्रुवीकरण और विभाजन फैलाने के लिए कर रही है, जबकि इस समय सबसे ज्यादा जरुरत एकता और एकजुटता की है। सिराज/ईएमएस 24अप्रैल25