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20-Apr-2025
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-प्रभु यीशु के पुनरुत्थान का पर्व नई उम्मीदों का प्रतीक नई दिल्ली,(ईएमएस)। देशभर में रविवार को ईस्टर का त्योहार श्रद्धा, प्रेम और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह पर्व प्रभु यीशु मसीह के पुनरुत्थान की याद में हर वर्ष गुड फ्राइडे के बाद पहले रविवार को मनाया जाता है। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई नेताओं व गणमान्य नागरिकों ने देशवासियों को बधाई दी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ईस्टर की शुभकामनाएं देते हुए लिखा, “इस अवसर पर हम ईसा मसीह के पुनरुत्थान का जश्न मनाते हैं। यह त्योहार नई उम्मीद और नई शुरुआत की भावना को प्रेरित करता है। ईसा मसीह की शिक्षाएं मानवता को प्रेम और त्याग के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं। आशा और आनंद का यह त्योहार सभी के लिए शांति और समृद्धि लाए।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, “सभी को ईस्टर की हार्दिक शुभकामनाएं। यह ईस्टर विशेष है, क्योंकि दुनिया भर में ‘जुबली वर्ष’ को बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। यह पवित्र अवसर प्रत्येक व्यक्ति में आशा, नवीनीकरण और करुणा की प्रेरणा दे। चारों ओर आनंद और सद्भाव हो।” यहां बताते चलें कि जुबली वर्ष हर 25 वर्षों में एक बार आता है, जिसे पोप द्वारा विशेष रूप से अनुग्रह, क्षमा और आध्यात्मिक नवीनीकरण के समय के रूप में घोषित किया जाता है। कांग्रेस सांसद एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी अपने संदेश में कहा, “आपको और आपके प्रियजनों को ईस्टर की हार्दिक शुभकामनाएं। यह आनंदमय अवसर सभी के जीवन में नया आरंभ, नयी आशा और स्थायी सुख-शांति लेकर आए।” क्यों मनाया जाता है ईस्टर? ईस्टर ईसाई धर्म का सबसे पवित्र पर्व माना जाता है। मान्यता के अनुसार, प्रभु यीशु मसीह को लोगों के पापों के प्रायश्चित हेतु क्रूस पर चढ़ाया गया था, जिसे गुड फ्राइडे कहा जाता है। लेकिन इसके तीन दिन बाद रविवार को वे पुनर्जीवित हो उठे। इस चमत्कार को ईश्वर की शक्ति और जीवन की जीत के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इस दिन गिरिजाघरों में विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती हैं, मोमबत्तियाँ जलाई जाती हैं, और लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। बच्चों में खास तौर पर ईस्टर एग्स और ईस्टर बनी की परंपरा भी लोकप्रिय है। हिदायत/ईएमएस 20अप्रैल25