20-Apr-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। जंगलों से सटे ग्रामीण इलाकों और शहरी बस्तियों में इंसानों और सांपों का आमना-सामना होना अब एक आम बात हो गई है। गर्मियों के मौसम में इस तरह की घटनाएं ज्यादा देखने-सुनने को मिलती है। यही वजह है कि सर्पदंश और उससे होने वाली मौतों के आंकड़ों में भी अचानक बढ़ोतरी देखी जा रही है। हालांकि सोशल मीडिया पर इनसे बचाव के लिए कई घरेलू उपाय जैसे कुछ खास पौधों या जड़ी-बूटियों के इस्तेमाल का दावा किया जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों ने इन सभी तरीकों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि ये उपाय पूरी तरह से बेबुनियाद हैं और इनका सांपों पर कोई असर नहीं होता। वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स की मानें तो सांप आमतौर पर उन जगहों पर रहना पसंद करते हैं, जहां अंधेरा हो, जगह तंग हो या सामान का ढेर लगा हो। साथ ही जहां चूहे, छिपकली या मेंढक जैसे छोटे जीव हों, वहां सांपों की मौजूदगी की संभावना ज्यादा रहती है, क्योंकि ये जीव उनका पसंदीदा भोजन हैं। जानकारों का कहना है कि अगर आप चाहते हैं कि सांप आपके घर के आसपास न आएं, तो रोज़ाना घर की सफाई फिनायल जैसे तेज़ गंध वाले क्लीनर से करनी चाहिए। तेज़ गंध से सांपों को परेशानी होती है, जिससे वे उस स्थान से दूर रहते हैं। इसके अलावा, मछली या मांस पकाने के बाद उनकी जूठन या अवशेषों को घर के आसपास फेंकने से बचना चाहिए, क्योंकि उनकी गंध से भी सांप आकर्षित होते हैं। विशेषज्ञों का स्पष्ट मानना है कि सांपों से बचाव केवल जागरूकता, साफ-सफाई और गंध नियंत्रण से ही संभव है। सुदामा/ईएमएस 20 अप्रैल 2025