राज्य
19-Apr-2025
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इन्दौर (ईएमएस)। एआई पॉवर्ड टूल और एप्स मनचाहे विषय पर लेखन कर सकते हैं। आपने जो कुछ लिखा है, उसकी ग़लतियों को सुधार सकते हैं। यहाँ तक कि वे आपके उच्चारण दोषों को दूर करने में मदद कर सकते हैं, बर्शते आपको उनका उपयोग करना आता हो। वॉयस एज ए करियर वर्कशॉप के दूसरे दिन प्रतिभागियों को यह अद्यतन जानकारी प्रख्यात वायस ओवर आर्टिस्ट हरीश भिमानी ने दी। उन्होंने कहा, ‘आप जैसा बोलते हैं, विषय के बारे में कहते हैं, एआई संचालित एप्स आपके लिये वैसा ही काम करते हैं। अगर आप जल्दी-जल्दी कहेंगे, शब्द का सही उच्चारण नहीं करेंगे तो स्पीच टू टेक्सट के एप्स आपका मैटर सही तरीके से टाइप ही नहीं कर सकेंगे। सटीक जानकारी के लिये सटीकता से उपयोग करना भी आना चाहिये’। हरीश भ‍िमानी की बातों का कार्यशाला में असर भी नजर आया। एक प्रतिभागी ने चैट जीपीटी से लिखवाई गई कविता का वाचन हरीश जी के सामने ऑडिशन टेस्ट की तरह प्रस्तुत किया। इस टेस्ट के दौरान प्रेमचंद की रचनाएं भी पढ़ी गईं और आकाशवाणी इन्दौर के सेवानिवृत और मशहूर वॉयस एकटर संतोष जोशी के एक रिकॉर्डेड वॉयस ओवर को भी प्ले किया गया। हरीश जी ने शकील अख़्तर के एक गीत, ‘चलने का नाम था ज़िदंगी और हम चलते रहे’ का पाठ किया। हरेक रचना पाठ के विषय में विस्तार से अपनी टिप्पणी दी और पढ़ते वक्त आवाज़ की गति, ठहराव, अभिव्यक्ति आदि के बारे में जानकारियां दी। उन्होंने जावेद अख़्तर के कविता संग्रह ‘तरकश’ की प्रस्तावना को बेहद रोचक ढंग से पढ़कर बताया। :: स्टेट प्रेस क्लब के आयोजन की प्रशंसा :: हरीश भ‍िमानी ने अंतिम सत्र में, वर्कशॉप के आयोजन के लिये स्टेट प्रेस क्लब, मध्यप्रदेश के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘वॉयस आर्टिस्ट्री’ का यह शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग कोर्स मैं शकील अख़्तर जी के सहयोग से ही तैयार कर सका हूँ। कोर्स की रूपरेखा तैयार करने को लेकर हम दोनों में बीते करीब ढाई महीनों से निरंतर चर्चा जारी थी। मैं समझता हूं, वॉयस एक्टिंग की दुनिया में करियर बनाने वालों के लिये एक बेहतरीन कोर्स बन गया है। आपको बता दें, प्रवीण कुमार खारीवाल और शकील अख़्तर की परिकल्पना से ‘लर्न विथ दि लेजेंड’ नाम से व्यावहारिक प्रशिक्षण का यह नया ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके पहले लेजेंड प्रोफेशनल के रूप में हरीश भिमानी आमंत्रित किये गये थे। स्टेट प्रेस क्लब के दोनों वरिष्ठ साथी जर्नलिज़्म के लिये ‘मास्टर क्लास’ और ‘जर्नी ऑफ ए जर्नलिस्ट’ जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम प्रारंभ कर चुके हैं। :: 60 से अधिक प्रतिभागी हुए शामिल :: 17 और 18 अप्रैल को आयोजित हुई इस नि:शुल्क वर्कशॉप में 60 से अधिक प्रतिभागियों में हिस्सा लिया। इनमें रंगमंच के कलाकारों से लेकर आकाशवाणी, दूरदर्शन, पॉडकास्ट, स्टेज एकंरिंग में काम करने वाले वॉयस आर्टिस्ट से लेकर ऐसी महिलाओं ने भी हिस्सा लिया, जो अब आवाज़ की दुनिया में कदम रखना चाहती हैं। दोनों ही सत्रों में प्रतिभागियों ने हरीश जी की आवाज़, उसके अंदाज़, उनके संवाद, लेखन, भाषा की जानकारी और लता जी के साथ उनके रोचक अनुभवों को सुना। कई सवाल पूछे और वर्कशॉप को एक प्रेरक अनुभव करार दिया। कार्यक्रम में कोर्स और उससे जुड़े प्रश्न निवेदनों को आगे बढ़ाने वाले शकील अख़्तर ने कहा- ‘मैं आशा करता हूँ, हरीश जी जैसे स्वर गुरू के सान्निध्य में बीते व्यावहारिक ज्ञान के यह अनमोल पल नई संभावनाओं के द्वार खोलेंगे और यह कभी भुलाये ना जा सकेंगे’। :: प्रतिभागियों को दिये गये सर्टिफिकेट :: अंतिम सत्र में सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किये गये। हरीश भिमानी और वर्कशॉप कोऑर्डिनेटर शकील अख़्तर का स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल, आकाशवाणी के पूर्व प्रॉड्यूसर और वॉयस एक्टर संतोष जोशी, दीपक माहेश्वरी, आलोक बाजपेयी, पुष्कर सोनी,दीपक माहेश्वरी, द्वारा सम्मान किया गया। हरीश जी को स्मृति चिन्ह और ‘कला स्तंभ’ की तरफ से उन्हें चित्रकार भारती साहू ने एक स्कैच भेंट किया गया। कार्यक्रम में आलोक वाजपेयी के समापन वक्तव्य की हरीश भिमानी ने प्रशंसा की। वर्कशाप में आकाशवाणी की पूर्व कार्यक्रम अधिकारी अनिता जोशी और संतोष अग्निहोत्री ने भी हिस्सा लिया। आभार स्टेट प्रेस क्लब के ही पत्रकार साथी यशवर्धन सिंह ने माना। उमेश/पीएम/19 अप्रैल 2025