- बढ़ेंगे आरोपी, कैंसर अस्पताल संचालक ने दिए थे 6.5 करोड़ भोपाल (ईएमएस)। राजधानी भोपाल के सबसे चर्चित मामलों में शामिल सौरभ शर्मा कांड में नित नए खुलासे हो रहे हैं। ईडी द्वारा प्रस्तुत चार्जशीट से पता चला है कि सौरभ शर्मा हवाला का भी बड़ा कारोबारी हो सकता है, क्योंकि सौरभ शर्मा की पत्नी दिव्या शर्मा और हवाला करोबारी ने मिलकर कंपनी खोली थी, इसका खुलासा भी ईडी की चार्जशीट में ही हुआ है। अब एक और खुलासा हुआ है, जिसमें राजधानी के प्रतिष्ठित चिकित्सक और नवोदय कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के संचालक डॉ. श्याम अग्रवाल ने भी बिना लिखा-पढ़ी यानी दस्तावेज के सौरभ शर्मा के बैंक खातों में साढ़े छह करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं। विरल कंस्ट्रक्शन के खाते में पांच करोड़ और सौरभ के राजदार शरद जायसवाल के खाते में डेढ़ करोड़ रुपए डॉ. अग्रवाल ने भेजे हैं। ईडी से बचने के लिए डॉ. श्याम अग्रवाल सौरभ शर्मा की अरिवल कंस्ट्रक्शन से प्रॉपर्टी खरीदना बता रहे हैं, लेकिन इसके कोई दस्तावेज नहीं मिले और न ही अविरल कंस्ट्रक्शन ऐसी कोई प्रॉपर्टी बेच ही रही थी। ऐसे में फिर सवाल उठता है कि क्या सौरभ शर्मा राजधानी और प्रदेश के बड़े अधिकारियों, कारोबारियों के काली कमाई को हवाला के जरिए इधर से उधर करता था? या यह राशि किसी फाइल को पास कराने के लिए दलाली के रूप में ली गई थी? हालांकि, इसका जवाब फिलहाल कोई नहीं दे पा रहा है। पुणे की कंपनी में भी जमा किए हैं तीन करोड़ ईडी की चार्जशीट के अनुसार सौरभ शर्मा मध्य प्रदेश के बाहर भी निवेश कर रहा था। सौरभ ने महाराष्ट्र के पुणे में स्थित मनो-दीप नागरिक सहकारी संस्थान में पांच दिन के भीतर करीब तीन करोड़ रुपये जमा किए थे। हालांकि, यह राशि किस परिप्रेक्ष्य में जमा कराई गई थी, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। लेकिन इतना तय है कि जैसे-जैसे ईडी की जांच आगे बढ़ती जाएगी, परतें खुलती जाएंगी और कई नामचीन चेहरे बेनकाब होते जाएंगे। सौरभ मामले में हो रहे नित नए खुलासे परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा, उसके राजदार व बिजनेस पार्टनर चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल के यहां 18 दिसंबर 2024 को मारे गए लोकायुक्त छापे के बाद करोड़ों की काली कमाई का खुलासा हुआ था। इसके बाद चेतन सिंह गौर की मेंडोरा में लावारिस हालत में खड़ी इनोवा से 19-20 दिसंबर 2024 की दरमियानी देर रात आयकर विभाग की टीम ने 52 किलोग्राम से अधिक सोना और करीब ग्यारह करोड़ की नगद राशि बरामद की थी। इसके बाद 27 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय ने छापा मारा। लोकायुक्त पुलिस ही लचर जांच प्रणाली चल ही रही है। समय पर चालान प्रस्तुत नहीं करने के कारण विशेष अदालत ने लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज किए गए भ्रष्टाचार के प्रकरण में तीनों आरोपियों को जमानत भी दे दी है, लेकिन ईडी द्वारा प्रस्तुत की गई चार्जशीट में नित नए खुलासे हो रहे हैं। सौरभ के कई राजदार और करीबी भी बनेंगे आरोपी सौरभ शर्मा के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस द्वारा समय पर चालान प्रस्तुत नहीं करने के कारण सौरभ, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को विशेष न्यायालय से जमानत मिल चुकी है। लोकायुक्त मामले से सतर्क हुई ईडी ने नियत तिथि से पहले ही तीनों आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में चालान प्रस्तुत कर मां, पत्नी, ड्राइवर, साले सहित 12 लोगों को आरोपी बनाया है। इस मामले में ईडी अभी सौरभ शर्मा और उसके राजदारों के ठिकानों से जब्त किए गए दस्तावेजों, बैंक खातों की पड़ताल और कंपनियों के दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रही है। जिस तरीके से ईडी की जांच चल रही है, उससे लगता है कि आने वाले दिनों में ईडी एक और पूरक चालान प्रस्तुत करेगी, क्योंकि कई ऐसे नाम भी सामने आ रहे हैं, जो अभी आरोपी नहीं बनाए गए हैं। ऐसे में ईडी कुछ ही महीनों में एक और पूरक चालान प्रस्तुत कर सौरभ शर्मा और उसके राजदारों के करीबियों, रिश्तेदारों और उसकी कंपनियों के अधिकारियों को भी आरोपी बनाएगी, क्योंकि उन सबके नाम भी सौरभ ने या तो संपत्ति खरीदी है या भागीदार बनाया है। विनोद / 19 अप्रैल 25