नई दिल्ली (ईएमएस)। बसों की कमी के कारण दिल्ली के लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। लोग अपने रूट पर बसों के आने का बस स्टॉप पर बेसब्री से इंतजार करते हैं, कई बार तो उन्हें इसके इंतजार में काफी समय भी निकल जाता है। गर्मी शुरू होते ही उनकी परेशानी और भी बढ़ती जा रही है। जिस तरह से पिछली आम आदमी पार्टी सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी साल में बसों की खरीद को लेकर लापरवाही बरती, उसका खामियाजा अब जनता को भुगतना पड़ रहा है जनवरी से मार्च तक जहां 790 बसें पुरानी होने के कारण सड़कों से हटाई जा चुकी हैं, वहीं अप्रैल में भी 112 बसें सड़कों से हटने वाली हैं। कुल मिलाकर डीटीसी की 900 बसें सड़कों से हटाई जा रही हैं। इस बीच, डिम्ट्स की 462 बसें सड़कों पर खड़ी होने के कारण लोगों को परेशानी हो रही थी, लेकिन परिवहन मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने कहा कि डिम्ट्स की जो बसें सड़कों पर खड़ी थीं, उन्हें चलाने की अनुमति दे दी गई है। ये सभी बसें सड़कों पर वापस आ गई हैं। उन्होंने कहा कि जनता को बसों की कमी नहीं होने दी जाएगी। ये बसें सरकार के साथ अनुबंध खत्म होने के कारण सड़कों पर खड़ी थीं। जनता की परेशानियों की बात करें तो जनवरी से मार्च तक करीब 790 बसों को हटाने के बाद अब अप्रैल के अंत तक 111 पुरानी बसें हटाने जा रही हैं। इस समय दिल्ली में बसों की कुल संख्या 6966 है। इसमें लगातार कमी आ रही है। दिल्ली सरकार ने कहा है कि कुछ ही दिनों में 670 बसें सड़कों पर उतरने वाली हैं। इसमें से 280 मिनी बसें आ भी चुकी हैं। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन बसों के लिए नाम सुझाए जा रहे हैं। जिनमें से एक नाम देवी का भी है। इन सबके बीच परिवहन क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि जनता की परेशानियों को देखते हुए अब सरकार को घोषणाओं की जगह धरातल पर काम करके दिखाना चाहिए, ताकि लोगों की परेशानियां कम हों। अजीत झा/ देवेन्द्र/ नई दिल्ली /ईएमएस/19/अप्रैल /2025