नई दिल्ली,(ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें कहा गया था कि खराब स्थिति में हाईवे पर टोल टैक्स नहीं वसूला जाना चाहिए। इससे पहले हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर लखनपुर और बन्न टोल प्लाजा पर टोल शुल्क में 80 फीसदी की कटौती की थी। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएच-44 पर लखनपुर और बन्न टोल प्लाजा पर 75 फीसदी की दर से टोल वसूल सकता है। इस मामले की अगली सुनवाई 19 मई, 2025 को होगी। रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने फरवरी 2025 में एक जनहित याचिका के जवाब में आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि जब तक दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा नहीं हो जाता, तब तक एनएच-44 के लखनपुर और बन्न टोल प्लाजा पर टोल शुल्क को 80 फीसदी तक कम किया जाए। हाईकोर्ट ने तर्क दिया था कि निर्माण कार्य के कारण राजमार्ग की खराब स्थिति के चलते यात्रियों से पूरा टोल वसूलना अनुचित यानी सही नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा था कि टोल शुल्क का उद्देश्य यात्रियों को अच्छी और सुचारू सड़क प्रदान करना है और यदि सड़क खराब स्थिति में है, तो टोल वसूलना उचित सेवा के सिद्धांत का उल्लंघन है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कई अन्य निर्देश भी जारी किए थे, जिनमें टोल प्लाजा के बीच न्यूनतम 60 किलोमीटर की दूरी का पालन करने, टोल कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन करने और तीर्थयात्रियों से अनुचित टोल वसूली पर रोक लगाने जैसे बिंदु शामिल थे। हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जून 2024 में एक वैश्विक कार्यशाला में कहा था कि खराब सड़कों पर टोल वसूलने का कोई औचित्य नहीं है। एनएचएआई ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी। एनएचएआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि हाईकोर्ट ने टोल दरों में हस्तक्षेप करके अपनी अधिकारिता का उल्लंघन किया है, क्योंकि टोल दरें केंद्रीय नियमों द्वारा नियंत्रित होती हैं। सॉलिसिटर मेहता ने बताया कि एनएच-44 के चार से छह लेन में मरम्मत के दौरान पहले से ही टोल शुल्क में 25 फीसदी की कमी की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप 75 फीसदी की दर पर टोल वसूला जा रहा था। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की सुप्रीम कोर्ट पीठ ने 15 अप्रैल, 2025 को अंतरिम आदेश जारी करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि इस आदेश पर रोक रहेगी। कोर्ट ने एनएचएआई को मौजूदा नियमों के तहत 75 फीसदी की दर पर टोल वसूलने की अनुमति दी और मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 19 मई की तारीख तय की है। सिराज/ईएमएस 19अप्रैल25