गुना (ईएमएस)| पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर हो रहे लगातार हमलों, हिंसा और अत्याचारों के विरोध में शनिवार को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने संयुक्त रूप से कलेक्टर कार्यालय पर आक्रोश प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपते हुए बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। ज्ञापन में बताया गया कि वक्फ कानून के विरोध की आड़ में पश्चिम बंगाल को हिंसा की आग में झोंका जा रहा है और खासकर हिंदू समाज को निशाना बनाया जा रहा है। ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया कि मुस्लिम कट्टरपंथी भीड़ द्वारा 11 अप्रैल को मुर्शिदाबाद में हिंदू समुदाय पर योजनाबद्ध हमला किया गया। इस हमले में 200 से अधिक घर और दुकानें लूटकर जला दी गईं, सैकड़ों हिंदुओं को घायल किया गया, तीन लोगों की हत्या कर दी गई और कई महिलाओं के साथ अत्याचार हुआ। इसके चलते लगभग 500 हिंदू परिवारों को पलायन करना पड़ा। ज्ञापन में ममता बनर्जी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा गया कि राज्य सरकार हिंसक तत्वों को खुली छूट दे रही है और दंगाइयों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन प्रदान कर रही है। साथ ही, यह भी उल्लेख किया गया कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को राज्य में शरण दी जा रही है और उनकी पहचान के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने ज्ञापन में मांग की कि पश्चिम बंगाल में अविलंब राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए। वही बंगाल में हुई हिंसा की न्यायिक जांच SIT से करवाई जाए और दोषियों को कठोर सजा दी जाए। राज्य की कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय बलों के हाथों में सौंपा जाए। इसके अलावा बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकाला जाए। साथ ही, भारत-बांग्लादेश सीमा पर तारबंदी का कार्य शीघ्र शुरू किया जाए। प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि बंगाल में हिंदुओं की स्थिति अत्यंत गंभीर होती जा रही है। प्रशासनिक तंत्र दंगाइयों के दबाव में काम कर रहा है और आम हिंदू नागरिक असहाय महसूस कर रहा है। वक्ताओं ने केंद्र सरकार से मांग की कि वह इस मामले में हस्तक्षेप कर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे। हनुमान चौराहे से कलेक्टर कार्यालय तक हुए इस मार्च में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि जब तक बंगाल में शांति और हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। जय श्री राम के नारों के साथ प्रदर्शन समाप्त हुआ।- सीताराम नाटानी (ईएमएस)