राज्य
19-Apr-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली में रेहड़ी-पटरी वालों की वास्तविक संख्या का पता लगाने के लिए फिर से सर्वे होने जा रहा है। यह सर्वे 21 अप्रैल से शुरू होगा। जिसमें 2021-22 में सर्वे में भाग नहीं लेने वाले रेहड़ी-पटरी वालों को इसमें शामिल किया जाएगा। 2021-22 में 77 हजार रेहड़ी-पटरी वालों का सर्वे हुआ था लेकिन कई टाउन वेंडिंग कमेटियों के सदस्यों ने दावा किया कि कोरोना के कारण कई लोग इसमें भाग नहीं ले पाए। इसलिए सभी रेहड़ी-पटरी वालों का दोबारा सर्वे होना चाहिए। निगम ने इसके लिए सार्वजनिक नोटिस जारी कर रेहड़ी-पटरी वालों से सर्वे के दौरान अपने निर्धारित स्थान पर मौजूद रहने की अपील की है। पीएम स्वनिधि के तहत वेंडिंग सर्टिफिकेट होने पर बिना गारंटी के लोन दिया जा रहा है। वहीं, डीडीए फ्लैटों में इन कामगारों को 25 फीसदी तक की छूट भी दी जा रही है। टाउन वेंडिंग कमेटी के सदस्य वीरभद्र मोर्य ने बताया कि सर्वे करने वाली कंपनियों के साथ पहले से चुने गए टाउन वेंडिंग कमेटी के सदस्य मौजूद रहेंगे। वे इलाकों में जाकर हर गली का सर्वे करेंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए आधार कार्ड में जो मोबाइल नंबर दर्ज है, उसे अपने पास रखें और परिवार के सभी सदस्यों की जानकारी आधार कार्ड के साथ रखें। एमसीडी की ओर से जारी किए गए किसी भी चालान की कॉपी अपने पास रखें। इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर सर्वे किया जाएगा। बता दें कि रेहड़ी पट्टी आजीविका संरक्षण अधिनियम 2014 के तहत रेहड़ी-पटरी वालों का सर्वे किया जाना है। ताकि शहर में इस व्यवस्था को योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जा सके। जहां निर्धारित संख्या से ज्यादा रेहड़ी-पटरी वाले हैं, वहां भी योजनाबद्ध तरीके से रेहड़ी-पटरी लगाने की अनुमति दी जा सके। अजीत झा/ देवेन्द्र/ नई दिल्ली /ईएमएस/19/अप्रैल /2025