राष्ट्रीय
19-Apr-2025


कोलकाता (ईएमएस)। जब रोम जल रहा था तब नीरो बंशी बजा रहा था। कुछ इसी तरह का माजरा एक बार फिर दिखाई दिया है। पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद हिंसा की आग में जल रहा था तब टीएमसी सांसद यूसुफ पठान चाय की चुस्कियां लेते हुए एक्स पर लिख रहे थे आनंद का आनंद लें। पठान के इस रवैए ने पश्चिम बंगाल की सियासत में तहलका मचा दिया। यूसुफ पठान ने 12 अप्रैल को इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की। इसमें यूसुफ सफेद पैंट और सफेद शर्ट पहने हुए दिखाई दे रहे हैं। उसके हाथ में चाय का कप है। वहां उन्होंने लिखा, आरामदायक दोपहर, चाय की चुस्की, शांति। मैं अभी डूब रहा हूं।बता दे कि जब वे वहां चाय का आनंद ले रहे थे तब मुर्शिदाबाद में खून बह रहा था। मुर्शिदाबाद के सांसद अबू ताहिर खान ने बताया कि यूसुफ पठान की अनुपस्थिति गलत संदेश भेज रही है। उन्होंने कहा, वह (यूसुफ पठान) बाहरी व्यक्ति हैं, राजनीति में नए हैं। उसने इतने लंबे समय तक दूर रहने का फैसला किया है। लेकिन इससे लोगों को गलत संदेश जा रहा है। हमारे सांसद, विधायक और यहां तक ​​कि बूथ कार्यकर्ता भी जमीनी स्तर पर लोगों तक पहुंच रहे हैं। कोई यह नहीं कह सकता कि यह मेरा क्षेत्र नहीं है और ये मेरे लोग नहीं हैं, इसलिए मैं नहीं जाऊंगा। वहीं, भरतपुर के विधायक हुमायूं कबीर ने भी इस दौरान लोगों के बीच न पहुंचने पर पठान को लेकर निराशा व्यक्त की है। कबीर ने कहा कि पठान अपनी मर्जी से काम कर रहे थे। उन्होंने कहा, वह एक प्रसिद्ध क्रिकेटर हैं जो गुजरात में रहते हैं। लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को वोटों से हराया। ये सज्जन अब मतदाताओं को धोखा दे रहे हैं। वह अपनी मर्जी से व्यवहार कर रहा है। हुमायूं कबीर ने यह भी कहा कि अगर पठान की राजनीति में भागीदारी नहीं बढ़ी तो वह पार्टी नेतृत्व से संपर्क करेंगे ताकि अगली बार उन्हें टिकट न मिले। भरतपुर विधायक ने कहा, यूसुफ पठान को सांसद बने करीब एक साल हो गया है। यदि वह अपना व्यवहार नहीं बदलते और लोगों तक पहुंचने की कोशिश नहीं करते तो मैं उनके खिलाफ पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से संपर्क करूंगा। मैं कोशिश करूंगा कि अगली बार उसे टीम का टिकट न मिले। संशोधित वक्फ अधिनियम को लेकर 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद जिले के विभिन्न इलाकों में हिंसा भड़क उठी। इस माहौल में जिले के लगभग सभी तृणमूल सांसद और विधायक मैदान में उतर गए। लेकिन बरहामपुर के सांसद यूसुफ पठान नजर नहीं आए। उनके संसदीय क्षेत्र में कोई हिंसा नहीं हुई है। हालांकि, जब मुर्शिदाबाद में अन्य जगहों पर हिंसा भड़क रही थी तब यूसुफ पठान ने चाय पीते हुए अपनी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर अपलोड की और लिखा, आनंद का आनंद लें। इससे राजनीतिक बहस शुरू हो गई। अब पता चला है कि मुर्शिदाबाद में उनकी अनुपस्थिति को लेकर पार्टी के भीतर भारी असंतोष है। मुर्शिदाबाद जिले के तीनों लोकसभा सांसद तृणमूल कांग्रेस से हैं। जंगीपुर से खलीलुर रहमान, मुर्शिदाबाद से अबू ताहिर खान और बरहामपुर से यूसुफ पठान। 11 अप्रैल को शुरू हुई हिंसा का जंगीपुर लोकसभा क्षेत्र के सुती, शमसेरगंज और धुलियान इलाकों पर बड़ा असर पड़ा है। यूसुफ पठान के निर्वाचन क्षेत्र में कोई प्रत्यक्ष हिंसा नहीं हुई, लेकिन यह हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से ज्यादा दूर नहीं है। इसलिए न केवल विपक्षी दल, बल्कि तृणमूल कांग्रेस में भी कई लोग उनकी अनुपस्थिति से नाराज हैं। वीरेंद्र/ईएमएस/19अप्रैल2025