राष्ट्रीय
18-Apr-2025


- मालदा में राहत शिविर के बाहर अफरा-तफरी मालदा(ईएमएस)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस शुक्रवार को मालदा पहुंचे। यहां उन्होंने राहत शिविर में जाकर हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की। राज्यपाल के राहत शिविर में पहुंचते ही अफरा-तफरी मच गई। संभवतः हिंसा पीड़ितों की मदद कर रहे स्थानीय लोग राज्यपाल से मिलना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया, जिससे अफरा-तफरी मच गई। राज्यपाल बोस ने कहा कि मैंने शिविर में रह रहे परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। मैंने उनसे विस्तृत चर्चा की। मैंने उनकी शिकायतें सुनीं और उनकी भावनाओं को समझा। उन्होंने मुझे यह भी बताया कि वे क्या चाहते हैं, निश्चित रूप से, सक्रिय कार्रवाई की जाएगी। राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं ने बताया कि उन्हें धमकाया गया, बदमाश उनके घरों में घुस आए और उनके साथ मारपीट की गई। अपशब्दों का प्रयोग भी किया गया। दरअसल, वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 11 अप्रैल को हुई हिंसा के बाद कई हिंदू परिवार पलायन कर मालदा में शरण लिए हुए हैं। हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल से वहां ना जाने की अपील की थी, लेकिन अपने कर्तव्य का हवाला देकर राज्यपाल ने मालदा दौरा रद्द नहीं किया। राज्यपाल ने कहा था कि वो हालात का जायजा लेकर और पीड़ित परिवारों से बात करके केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौर खत्म होना चाहिए, तभी शांति और सौहार्द स्थापित हो सकता है। ज्ञातव्य हो कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को राज्यपाल सीवी आनंद बोस से अपील की थी कि वे मुर्शिदाबाद जिले का दौरा कुछ समय के लिए टाल दें। ममता ने कहा था कि मैं राज्यपाल से अपील करूंगी कि वे कुछ और दिनों का इंतजार करें, क्योंकि विश्वास बहाली के उपाय किए जा रहे हैं। स्थिति सामान्य हो रही है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम भी पहुंची मालदा वहीं, मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद आज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग राष्ट्रीय महिला आयोग की टीमों ने भी मालदा में राहत शिविरों का दौरा किया। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने मालदा स्थित लालपुर हाईस्कूल में बनाए गए राहत शिविर का दौरा किया, जहां सैकड़ों विस्थापित लोग शरण लिए हुए हैं. ये लोग 11-12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज, सूती, धूलियन और जंगीपुर जैसे मुस्लिम-बहुल इलाकों में फैली हिंसा के बाद यहां पहुंचे थे. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वतः संज्ञान लिया है और तीन हफ्तों में विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है। इस हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 274 से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं। ईएमएस/ 18 अप्रैल, 2025