राष्ट्रीय
18-Apr-2025
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युवती के आरोपों को बताया झूठा, मामले की सच्चाई जानने एसआईटी का गठन वाराणसी,(ईएमएस)। वाराणसी में एक युवती के साथ कई दिन तक सामूहिक दुष्कर्म किए जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस कमिश्नर ने न केवल इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की है, बल्कि अगली किसी भी गिरफ्तारी पर रोक भी लगा दी है, पुलिस का कहना है कि अगर सामूहिक दुष्कर्म के आरोप गलत पाए जाते हैं, तो उल्टा पीड़िता के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। 19 साल की पीड़िता ने 23 लोगों पर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म के आरोप लगाए हैं। बता दें गुरुवार को दर्जनों की संख्या में आरोपियों के परिजन पुलिस कमिश्नर आफिस पहुंचे और इंसाफ की गुहार लगाई, बल्कि पीड़ित युवती की संदिग्ध गतिविधि के वीडियो और फोटो भी पुलिस कमिश्नर को दिए, जिनसे पता चलता है कि उस घटनाक्रम की अवधि के दौरान वह लड़की अपनी मर्जी से आरोपी युवकों के साथ घूमती फिरती नजर आ रही है। इस दौरान उस लड़की ने इस्टाग्राम का इस्तेमाल किया और तमाम फोटो-वीडियो अपलोड किए हैं। इस्टाग्राम के चैटबॉक्स के जरिये आरोपी बनाए गए युवकों से चैट करके खुद मिलने की बात कही थी। मालूम हो कि पीएम मोदी ने भी वाराणसी में अपने 50वें दौरे के दौरान आलाधिकारियों से एयरपोर्ट पहुंचते ही इस मामले का संज्ञान लेते हुए कड़े निर्देश दिये थे। बता दें वाराणसी में एक हफ्ते तक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं, क्योंकि पीड़ित युवती की मां ने लालपुर-पांडेयपुर थाने में दी गई तहरीर में 29 मार्च से 4 अप्रैल तक के घटनाक्रम का जिक्र किया है, जिसमें युवती को लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाकर युवक दुष्कर्म करते रहे। इस दौरान न तो उन्हें किसी ने देखा और न ही युवती ने बीच सड़क से आने-जाने के दौरान किसी तरह का विरोध किया। हालांकि इसके पीछे दलील दी जा रही थी कि युवती बदहवास थी, लेकिन अब जो वीडियो-फोटो सामने आए हैं। उनमें एक वीडियो उसी कॉन्टिनेंटल रेस्टोरेंट के नीचे का है जो युवती के गायब होने के तीसरे दिन यानी 31 अप्रैल का बताया जा रहा है, उस वीडियो में युवती आरोपी बनाए गए तीन युवकों के साथ दिख रही है। संभवत: एक अन्य आरोपी वीडियो बना रहा है। इसके बाद युवती ने कॉन्टिनेंटल कैफे पर काम करने वाले एक अन्य आरोपी के साथ अपने इंस्टाग्राम के कमेंट बॉक्स में चैट की है और खुद ही मिलने के लिए बता रही है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि जब युवती का सामूहिक दुष्कर्म हो रहा था, तो वे कैसे एक हफ्ते तक यूं ही न केवल अपनी मर्जी से घूम रही थी, बल्कि सोशल मीडिया का भी भरपूर इस्तेमाल कर रही थी। पुलिस आयुक्त ने बताया कि जैसा एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि लड़की बंधक थी और नशे की हालत में थी, जबकि ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। आरोपियों के परिजनों के मुताबिक पूरी अवधि के दौरान लड़की स्वतंत्र थी, वह चाहती तो अपने घर जा सकती थी पुलिस से भी संपर्क कर सकती थी। इसलिए आरोपियों के परिजनों का कहना है कि लगातार दुष्कर्म की घटना फर्जी और बंधक बनाए जाने का मामला भी झूठा है। पुलिस कमिश्नर के मुताबिक घटना की गंभीरता को देखते हुए एक एसआईटी का गठन किया गया है, जिसमें एक डीसीपी, एक लेडी आईपीएस, एक एसीपी, सर्विलांस टीम, एसओजी टीम और जांच अधिकारी इंस्पेक्टर को रखा गया है और आरोपियों के परिजनों ने जो भी बिंदू उठाए हैं, उन पर जांच होगी और सभी विरोधाभास की जांच भी की जाएगी। सिराज/ईएमएस 18अप्रैल25