राज्य
18-Apr-2025
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– पटवारी-शिक्षक भी शामिल महासमुंद(ईएमएस)। छत्तीसगढ़ के महासमुंद में वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे और निर्माण का एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसने प्रशासन और राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वन विद्यालय से सटी सरकारी जमीन पर पटवारी और सरकारी शिक्षक की मिलीभगत से चार दुकानों का अवैध निर्माण किया गया, और अब जब जांच की आंच नजदीक आई है, तो घबराए आरोपी खुद ही अपने कब्जे को तोड़ने में जुट गए हैं। बीटीआई रोड गौरवपथ स्थित वन विद्यालय के पास खसरा नंबर 102/5 (1898 वर्गफुट) की जमीन पर घने पेड़ों वाला इलाका है, जो वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है। लेकिन इसके बगल की जमीन (खसरा नंबर 102/4) की आड़ में 100 और 20 रुपए के ई-स्टांप पर 40 लाख रुपए की फर्जी खरीद-फरोख्त दिखाई गई। असली जमीन छोड़कर दलालों और शासकीय कर्मचारियों ने जंगल की जमीन पर ही दुकानें तान दीं! जमीन की नापजोख भी हुई, पर रिपोर्ट गायब! वन विभाग ने जब अवैध निर्माण पर संज्ञान लिया और रिपोर्ट मांगी, तो राजस्व अमले ने जांच तो की लेकिन 10 दिन बाद भी रिपोर्ट डीएफओ को नहीं सौंपी। यही नहीं, इस जमीन को अक्टूबर 2024 में आबादी भूमि बताया गया था, जबकि अब जांच में यह वन क्षेत्र की भूमि और घना जंगल निकली। वनमंडलाधिकारी पंकज राजपूत ने कहा मेरे नौकरी के कार्यकाल में पहली बार ऐसा देख रहा हूं कि अवैध कब्जा करने वाले खुद ही अपना कब्जा तोड़ रहे हैं। रिपोर्ट मिलते ही सख्त कार्रवाई होगी। कलेक्टर विनय कुमार लंगहे ने भी दो टूक कहा सरकारी कर्मचारी अगर दोषी पाए गए, तो कार्रवाई तय है। उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन पर कब्जा कर दुकानें बनाना अपराध है, चाहे वह कोई भी हो। सत्यप्रकाश(ईएमएस)18 अप्रैल 2025