क्षेत्रीय
17-Apr-2025
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नर्सिंग घोटाले के दोषियों को बचाने की कोशिश कर रहे चिकित्सा शिक्षा आयुक्त - रवि परमार गांधी मेडिकल कॉलेज की नर्सिंग प्राचार्य राधिका नायर को पद से हटाया , निलंबित क्यों नहीं किया - एनएसयूआई भोपाल (ईएमएस) । मध्यप्रदेश में उजागर हुए बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले में शासन ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है। राज्य सरकार ने शासकीय नर्सिंग कॉलेज जीएमसी की प्राचार्य राधिका नायर को पद से हटा दिया है। साथ ही गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल के एक दर्जन से अधिक नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों समेत प्रदेशभर के लगभग 70 लोगों के विरुद्ध चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं। यह कार्रवाई एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार द्वारा लगातार की जा रही मांगों के परिणामस्वरूप हुई है। उन्होंने इस मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई , पारदर्शी जांच और छात्रों के भविष्य की सुरक्षा की मांग बार-बार उठाई थी। रवि परमार ने वर्तमान चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरूण राठी की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि, घोटाले के कई आरोपी अधिकारियों और कर्मचारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। एक वर्ष पूर्व तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने लगभग 110 नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे, लेकिन वर्तमान आयुक्त द्वारा केवल 70 के लगभग लोगों के विरुद्ध ही आरोप पत्र जारी किए गए हैं। यह कहीं न कहीं गंभीर दोषियों को बचाने का प्रयास प्रतीत होता है। रवि परमार ने चेतावनी दी है कि यदि पूरे मामले की निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की गई और सभी दोषियों को सजा नहीं मिली, तो एनएसयूआई प्रदेशभर व्यापक आंदोलन करेगी। परमार ने मांग करते हुए कहा कि सभी 110 संदिग्ध नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। साथ ही चिकित्सा शिक्षा विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए । परमार ने बताया कि नर्सिंग महाघोटाले में जिनको नोटिस जारी हुए थे उनमें जीएमसी के पूर्व प्राचार्य रोसी शाहुल समेत प्रोफेसर में डॉ जितेंद्र महावर , डॉ हरिसिंह मकवाना , डॉ संदीप कुमार मर्सकोले , डॉ वीरेंद्र धुर्वे वहीं नर्सिंग स्टाफ में रजनी नायर , प्रियदर्शनी डेहरिया दीपिका कुंभारे , राजश्री मालवीय शामिल हैं लेकिन इन पर अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुए । गांधी मेडिकल कॉलेज की नर्सिंग प्राचार्य राधिका नायर को पद से हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि केवल पद से हटाना पर्याप्त नहीं है। जिन पर गंभीर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप हैं, उन्हें तत्काल निलंबित किया जाना चाहिए। यदि सरकार दोषियों को केवल पद से हटाकर खानापूर्ति कर रही है, तो यह न्याय के साथ समझौता है। सभी दोषियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर, उनके खिलाफ कठोर विभागीय और न्यायिक कार्रवाई की जानी चाहिए। जुनेद/17अप्रैल2025