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17-Apr-2025
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इस्लामबाद,(ईएमएस)। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और खैबर पख्तूनख्वा में बुधवार को अचानक आई भयानक ओलावृष्टि ने जमकर तबाही मचाई। 35 मिनट की आंधी और ओले ने इस्लामाबाद को तहस-नहस कर दिया। गाड़ियों के शीशे चकनाचूर, सोलर पैनल बर्बाद, पेड़ उखड़ गए और कई इलाकों में बाढ़ ने कोहराम मचा दिया। अचानक हुई बारिश के कारण निचले इलाकों में बाढ़ आ गई, जिससे सड़कें और घर डूब गए। तारनोल इलाका सबसे ज्यादा प्रभावित रहा जहां उखड़े पेड़ों ने रास्ते बंद कर दिए। इस बारिश ने गर्मी से राहत दी, लेकिन कई इलाकों में बिजली गुल हो गई। डिप्टी कमिश्नर ऑफिस ने कहा, हमारी टीमें सड़कों पर हैं, पानी निकासी का काम जारी है। नुकसान का आकलन हो रहा है। ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर यातायात बहाल किया जा रहा है। अप्रैल में जहां दक्षिणी पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान में तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया, वहीं इस्लामाबाद में यह बारिश कुछ राहत लेकर आई। लेकिन यह राहत महंगी साबित हुई। पाकिस्तान मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आज से 20 अप्रैल तक इस्लामाबाद, रावलपिंडी और अन्य उत्तरी इलाकों में बारिश, आंधी और तूफान का दौर जारी रहेगा। खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान, मरी और आसपास के पहाड़ी इलाकों में आग का खतरा बढ़ेगा। मई-जून में अरब सागर में चक्रवात बन सकते हैं, जो तटीय इलाकों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।यह कोई साधारण बारिश नहीं थी, बल्कि सीधे तौर पर प्रकृति का गुस्सा था, जो जलवायु परिवर्तन की चेतावनी दे रहा है। इस्लामाबाद में अचानक तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। 35 मिनट तक आसमान से टेनिस बॉल के आकार के ओले बरसते रहे। इसने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। सोशल मीडिया पर कई वीडियो आए हैं, जिसमें दिख रहा है कि दर्जनों गाड़ियां ओले की मार से बर्बाद हो चुकी हैं। बारिश थमने के बाद लोगों ने अपने घरों और गाड़ियों को देख कर सिर पर हाथ रख लिया। खैबर पख्तूनख्वा में भी बाढ़ ने हालात बिगाड़ दिए हैं। प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का कहना है, हम लंडीकोटल, मरदान और अन्य जिलों में बाढ़ से निपटने को तैयार हैं। फसलों को हुए नुकसान की अभी कोई पक्की खबर नहीं, लेकिन किसानों की चिंता बढ़ रही है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सीनेटर और पूर्व जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने इसे ‘भयानक’ करार दिया। उन्होंने एक्स पर लिखा, ओले गोली की तरह बरस रहे थे। यह जलवायु परिवर्तन की वजह से मौसम की उग्रता है। यह कोई सामान्य घटना नहीं, यह इंसानी हरकतों का नतीजा है, जैसे गंदी ऊर्जा का इस्तेमाल और बढ़ता उत्सर्जन। वीरेंद्र/ईएमएस/17अप्रैल2025