नई दिल्ली (ईएमएस)। राजधानी दिल्ली में निजी मान्यता प्राप्त गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों की मनमानी और बेतरतीब फीस बढ़ोतरी पर दिल्ली सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। शिक्षा निदेशालय को छात्रों और अभिभावकों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कई स्कूल बिना किसी नियम के मनमर्जी से फीस बढ़ा रहे हैं, जिससे अभिभावकों पर भारी आर्थिक बोझ पड़ रहा है। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा निदेशालय ने जिला स्तर पर निरीक्षण समितियों का गठन किया है। इन समितियों की अध्यक्षता संबंधित क्षेत्र के एसडीएम कर रहे हैं और इनके साथ जिला और जोन के शिक्षा उपनिदेशक, लेखा अधिकारी और सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल भी शामिल हैं इनका काम सभी निजी स्कूलों का भौतिक निरीक्षण करना है, खासकर उन स्कूलों का जिनके खिलाफ शिकायतें दर्ज की गई हैं। दिल्ली के 600 से अधिक निजी स्कूलों का 16 अप्रैल 2025 तक निरीक्षण किया जा चुका है और बाकी स्कूलों की जांच तेजी से जारी है। जिन स्कूलों में फीस वृद्धि मनमानी पाई गई है और जिन पर लाभ कमाने या व्यवसायीकरण का आरोप है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की जा रही है। शिक्षा निदेशालय ने अब तक 10 से अधिक स्कूलों को दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम (डीएसईएआर), 1973 की धारा 24(3) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कुछ मामलों में स्कूल की मान्यता रद्द करने या प्रबंधन को अपने नियंत्रण में लेने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। निरीक्षण में यह भी सामने आया कि कई निजी स्कूल न तो अपनी फीस विवरणी समय पर दाखिल कर रहे हैं और न ही ऑडिट रिपोर्ट, जो कि कानून के तहत अनिवार्य है इसके अलावा, स्कूलों में डमी स्कूलीकरण की शिकायतें भी सामने आई हैं अब तक 20 ऐसे स्कूलों की पहचान की जा चुकी है और उनके खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की गई है। अजीत झा/ देवेन्द्र/ नई दिल्ली /ईएमएस/17/अप्रैल /2025