नई दिल्ली (ईएमएस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में लगभग 370 करोड़ लोग ओरल हेल्थ की समस्याओं से जूझ रहे हैं, और यह आंकड़ा बताता है कि दांतों की देखभाल को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हर व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम दो बार दांत ब्रश करना चाहिए, ताकि मसूड़ों में जमा बैक्टीरिया न केवल दांतों को नुकसान पहुँचाएं, बल्कि ये बैक्टीरिया अन्य महत्वपूर्ण अंगों तक भी फैला जाएँ। दांतों की सफाई में लापरवाही से मसूड़ों की सूजन और संक्रमण हो सकता है, जिससे हार्ट डिजीज, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का रिस्क बढ़ जाता है। वहीं, डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों में भी खराब ओरल हेल्थ उनके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में बाधा उत्पन्न कर सकती है। मसूड़ों की बीमारी से होने वाले इंफेक्शन ब्लड सर्कुलेशन के जरिए पूरे शरीर में फैल सकते हैं, जिससे डायबिटीज मैनेजमेंट और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इसके अलावा, अगर हम दांतों की सफाई में सावधानी नहीं बरतते तो मुंह में बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं, जो फेफड़ों तक जा कर गंभीर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं। शोध से यह भी पता चला है कि मसूड़ों की बीमारी सीधे ब्रेन तक पहुंच कर सूजन पैदा कर सकती है, जिससे अल्जाइमर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। यही नहीं, प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी यह एक चिंता का विषय है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान यदि ओरल हेल्थ ठीक नहीं रहती तो प्रीटर्म बर्थ और कम वजन के शिशु का जोखिम बढ़ जाता है। मसूड़ों की बीमारी दांतों को सपोर्ट देने वाली हड्डियों को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और दांत गिरने का खतरा बढ़ जाता है। इस प्रकार, दांतों की नियमित देखभाल ना केवल एक सुंदर मुस्कान के लिए आवश्यक है, बल्कि यह पूरे शरीर की सेहत के लिए भी अनिवार्य है। इसलिए, यह अत्यंत जरूरी है कि हर व्यक्ति अपनी ओरल हेल्थ पर ध्यान दे, नियमित रूप से दांत ब्रश करे, फ्लॉसिंग करे और डॉक्टर द्वारा सुझाए गए चेक-अप भी करवाए। सही देखभाल और समय रहते उपचार से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है। बता दें कि दांतों को सही तरीके से ब्रश न करने से केवल मुस्कुराहट ही नहीं, बल्कि शरीर के कई अन्य महत्वपूर्ण अंगों पर भी गहरा असर पड़ता है। जब हम अपने दांतों की नियमित और सही सफाई नहीं करते, तो ओरल हेल्थ बिगड़ जाती है और यह स्थिति हार्ट, फेफड़ों, डायबिटीज, अल्जाइमर तक जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को जन्म दे सकती है। सुदामा/ईएमएस 17 अप्रैल 2025