16-Apr-2025
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फरवरी में थी 2.38 फीसदी जो मार्च में घटकर 2.05 फीसदी पर आई नई दिल्‍ली,(ईएमएस)। मार्च 2025 में महंगाई से राहत मिली। खासकर खाद्य वस्तुओं और सब्जियों की कीमतों में आई गिरावट ने न केवल आम लोगों को राहत दी बल्कि केंद्र सरकार को भी राहत मिली। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च में खुदरा महंगाई दर केवल 3.34 फीसदी रही जो फरवरी में 3.61 फीसदी थी। यह 67 महीने में सबसे कम वृद्धि है जो अगस्त 2019 के बाद देखी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक मार्च में थोक महंगाई दर घटकर 2.05 फीसदी पर आ गई जबकि फरवरी में यह 2.38 फीसदी थी। इससे साफ है कि महंगाई पर काबू पाने में सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नीतियों का असर है। मार्च में खाद्य महंगाई की रफ्तार सुस्त हुई है। खुदरा बाजार में खाद्य उत्पादों की कीमतों में 2.69 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई जबकि थोक बाजार में यह 1.57 फीसदी रही। यह दर्शाता है कि कीमतों में बढ़ोतरी की गति धीमी हो गई है जिससे आम आदमी को राहत मिली है। खासकर सब्जियों और प्रोटीन उत्पादों की कीमतों में गिरावट आई है जो खाद्य महंगाई को नियंत्रित करने में मददगार साबित हुई। खाद्य महंगाई नवंबर 2021 के बाद मार्च 2025 में सबसे कम रही है। मार्च में खाद्य महंगाई दर 2.69 फीसदी रही जो नवंबर 2021 के बाद का सबसे निचले स्तर पर था। इसमें प्रमुख योगदान सब्जियों और दालों की कीमतों में आई गिरावट का है। हालांकि कुछ खाद्य वस्तुओं जैसे फल और खाद्य तेल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। वहीं विनिर्मित उत्पादों की महंगाई मार्च में बढ़कर 3.07 फीसदी हो गई जबकि फरवरी में यह 2.86 फीसदी थी। इसके अलावा मार्च में ईंधन और बिजली की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी गई जिससे थोक मुद्रास्फीति दर 0.20 फीसदी हो गई जो फरवरी में 0.71 फीसदी थी। खुदरा खाद्य महंगाई मार्च में 2.69 फीसदी रही जबकि थोक खाद्य महंगाई केवल 1.57 फीसदी भी। यही नहीं पिछले कुछ महीनों की तुलना में मार्च में महंगाई में सुस्ती आई है जिससे केंद्र सरकार और आरबीआई की नीतियों की सफलता साफ तौर पर दिखाई दे रही है। हालांकि कुछ वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी से लोगों पर बोझ पड़ रहा है। जैसे हाउसिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य और ट्रांसपोर्ट की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन खाद्य महंगाई में आई राहत से लोगों को राहत मिली है। सिराज/ईएमएस 16अप्रैल25