नई दिल्ली,(ईएमएस)। इंडसइंड बैंक ने बताया कि वायदा-विकल्प पोर्टफोलियो में लेखा चूक होने से बैंक को करीब 2 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, जिसका खुलासा बाहरी एजेंसी की जांच के बाद पता चला है। पिछले महीने बैंक में हुई इस हलचल की खबरें बाहर आने के बाद इंडसइंड के शेयरों में भी बड़ी गिरावट देखी गई थी अब बैंक ने अपने एफएंडओ सौदों से संबंधित विसंगतियों के कारण दिसंबर, 2024 तक अपनी कुल संपत्ति पर 2.27 फीसदी के प्रतिकूल प्रभाव का आकलन किया है। निजी क्षेत्र के इस बैंक ने कहा था कि वायदा-विकल्प पोर्टफोलियो में लेखा संबंधी चूक से दिसंबर, 2024 तक बैंक की कुल संपत्ति पर करीब 2.35 फीसदी का प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का अनुमान है। इसके बाद बैंक ने अपने बही-खातों पर हुए प्रभाव और कई स्तर पर खामियों का पता लगाने व सुधारात्मक कार्रवाई का सुझाव देने के लिए बाहरी एजेंसी पीडब्ल्यूसी को नियुक्त किया है। इंडसइंड बैंक ने अपने बही खातों में हुई चूक की जांच के लिए बाहरी एजेंसी पीडब्ल्यूसी को नियुक्त किया है, जिसने मामले का खुलासा किया है। इंडसइंड बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में 30 जून, 2024 तक बही खाते में हुई चूक के नकारात्मक प्रभाव को 1,979 करोड़ रुपए आंका है। बैंक ने बताया कि उसके 2024-25 की फाइनेंशियल डिटेल में इसके प्रभाव को उचित रूप से दर्शाया जाएगा और एफएंडओ को लेकर भविष्य में ज्यादा सतर्कता बरती जाएगी। इंडसइंड बैंक के बोर्ड ने लेखा खामियों के फॉरेंसिक ऑडिट के लिए ग्लोबल एजेंसी ग्रांट थॉर्नटन को भी नियुक्त किया है। ग्रांट थॉर्नटन बैंक में आई विसंगतियों के मूल कारण की पहचान करने और प्रचलित लेखा मानकों के संबंध में वायदा-विकल्प अनुबंधों की व्यापक जांच करेगा। इसके अलावा फर्म लेखांकन में विसंगतियों के लिए जवाबदेही तय करेगी। इंडसइंड बैंक में इस चूक की खबर सामने आने के बाद मार्च में बैंक के शेयरों में लगातार गिरावट देखी गई है। इससे बैंक का स्टॉक 52 सप्ताह के निचले स्तर पर चला गया था। 12 मार्च को बैंक के शेयरों का भाव 606 रुपए तक चला गया था। बाद में इसमें तेजी से सुधार आया और 15 अप्रैल को बैंक के शेयर 735.50 रुपए के भाव पर बंद हुए थे। सिराज/ईएमएस 16अप्रैल25 ---------------------------------